BNP NEWS DESK। milkipur election एक विधासभा सीट के उपचुनाव में मिली जय-पराजय के कितने अर्थ हो सकते हैं, यह अयोध्या की मिल्कीपुर सीट के परिणाम से स्पष्ट है। पिछले वर्ष नव्य-भव्य राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हुए लोकसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित पराजय ने भाजपा को झकझोर दिया तो सपा ने इस विजय को लोकसभा चुनाव की ट्राफी की तरह लहराया था। यह तो तय था कि अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद खाली हुई मिल्कीपुर सीट का उपचुनाव उनके साथ ही भाजपा और योगी सरकार के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न होगा। यही कारण था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां पूरी ताकत झोंक दी। अपने संबोधन में जब वह कहते थे कि सीता कितनी बार अग्निपरीक्षा देगी तो उनका संकेत इसी उपचुनाव की तरफ होता था।
अयोध्या के राजा यानी अवधेश तो भगवान राम ही हैं, कोई अन्य नहीं
milkipur election स्वयं मुख्यमंत्री ने ही मिल्कीपुर का छह बार दौरा किया और सरकार के सात मंत्रियों की टीम यहां डेरा डाले रही। उनका परिश्रम रंग लाया और भाजपा के चंद्रभानु पासवान ने सपा के अजीत प्रसाद को 61,710 मतों से हरा दिया। विधानसभा चुनाव के इतिहास में आज तक किसी पार्टी को रामनगरी में इतनी बड़ी जीत नहीं मिली थी। एक कारण यह भी रहा कि लोकसभा में मिली जीत से उत्साहित सपा ने अवधेश प्रसाद को ‘अयोध्या का राजा’ ही बता दिया था। इस गर्वोक्ति का परिणाम यह रहा कि जनता ने सीधा संदेश दे दिया कि अयोध्या के राजा यानी अवधेश तो भगवान राम ही हैं, कोई अन्य नहीं।
इस उपचुनाव में एक ओर राम मंदिर, राष्ट्रवाद, अयोध्या का अभूतपूर्व विकास और हिंदू समाज की एकता का ज्वार था, दूसरी ओर पीडीए यानी पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक के गठजोड़ की चुनौती थी। इस परिणाम से यह भी कह सकते हैं कि जनता ने पीडीए जैसे जातीय राजनीति के दांव को अस्वीकार कर दिया।
अयोध्या से जुड़ी फैजाबाद संसदीय सीट पर मिली सफलता से उत्साहित सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस सीट से चुने गये अवधेश प्रसाद का लोकसभा में परिचय कराते हुए उन्हें अयोध्या का राजा बताया था। milkipur election
सपा मुखिया की यह गर्वोक्ति उस समय भाजपा समर्थकों के जले पर नमक छिड़कने वाली थी। भगवा रीति-नीति के संवाहकों के लिए यह असह्य था कि श्रीराम के अतिरिक्त अयोध्या का राजा किसी अन्य को बताया जाए। भाजपा के लिए यह जीत इतनी बड़ी है कि उसके सामने नौ उम्मीदवार थे, लेकिन सपा को छोड़ कोई भी जमानत तक नहीं बचा सका।
चंद्रभानु पासवान ने प्राप्त किए रिकार्ड मत
चंद्रभानु पासवान ने 61,710 मतों के अंतर से जिले के विस चुनाव इतिहास में सबसे बड़ी जीत प्राप्त कर कीर्तिमान रच दिया। उन्होंने 1,46,397 रिकार्ड मत प्राप्त किए। जिले में अब तक के विस चुनाव इतिहास में किसी उम्मीदवार ने इतने वोट नहीं प्राप्त किए थे। सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद को 84,687 मतों से संतोष करना पड़ा। चंद्रभानु पासवान से पहले अयोध्या के भाजपा विधायक वेदप्रकाश गुप्त ने 2017 के विस चुनाव में 50,440 मतों से जीत प्राप्त कर रिकार्ड बनाया था, जो शनिवार को टूट गया।
प्रत्याशी – प्राप्त मत – प्रतिशत
चंद्रभानु पासवान (भाजपा) – 146397 – 60.17
अजीत प्रसाद (सपा)- 84687 – 34.81
भाजपा के प्रति आमजन के विश्वास की जीत: योगी
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक विजय के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को बधाई दी है। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर उन्होंने लिखा कि ‘यह विजय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की भाजपा सरकार की लोक-कल्याणकारी नीतियों, सेवा, सुरक्षा और सुशासन को समर्पित उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति आमजन के अटूट विश्वास का प्रतीक है। विजयी भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान को बधाई तथा उत्तर प्रदेश की विकास-यात्रा और सुशासन को अपना मत प्रदान करने वाली मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र की देवतुल्य जनता-जनार्दन का हार्दिक अभिनंदन।’
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