BNP NEWS DESK। app billing यूपीपीसीएल के चेयरमैन डा. आशीष गोयल के निर्देश पर पूर्वांचल-डिस्काम में एप बिलिंग की शुरूआत हो गई है। केवाईसी की तर्ज पर इस बिलिंग को अभियंताओं व लाइनमैन की निगरानी में किया जाएगा। खास बात इस बिलिंग की यह है कि मीटर रीडर के साथ ही बिजली विभाग का लाइनमैन या जेई मौके पर जाएगा और इस बिलिंग को कराएगा।
app billing उपभोक्ता के घर पर जाकर गुगल सीट भरी जाएगी जिसमें उपभोक्ता के नाम, मोबाइल नंबर के साथ ही उसका मीटर व कनेक्शन नंबर अंकित किया जाएगा। ऐसा करने के पीछे मुख्य उद्देश्य है कि उपभोक्ता की अपडेट व डिजिटल जानकारी विभाग के पास रहे। इस नई बिलिंग व्यवस्था को केवाइसी की तर्ज पर देखा जा रहा है।
सुपरवाइज्ड बिलिंग के साथ ही एमआरआई की संकल्पना साकार होगी
दरअसल, विभाग के चेयरमैन चाहते हैं कि हर उपभोक्ता का सुपरवाइज्ड बिलिंग हो ताकि उसके बिल में किसी भी तरह की कोई त्रुटि न रहे। उधर, जो एमआरआई की जो व्यवस्था बनाई गई है उसके पीछे भी चेयरमैन का यही तर्क है।
इसी लिए पहले चरण में पांच किलोवाट से ऊपर के उपभोक्ताओं की एमआरआई शुरू कराई गई, बाद में इसे तीन से चार किलोवाट वाले उपभोक्ताओं पर भी प्रभावी किया गया। अब एक और दो किलोवाट वाले जो उपभोक्ता हैं उन्हें एप बिलिंग में कवर करते हुए उनके बिल व मीटर से संबंधित सभी समस्याओं को दूर किया जाएगा।
सिविल इंजीनियरों को वितरण खंड में तैनाती पर मंथन
बिजली की वितरण व्यवस्था सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ी होती है। उपभोक्ताओं को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए बिजली विभाग सिविल में कार्यरत अभियंताओं को वितरण खंडों में तैनाती करने पर विचार कर रहा है। बीते दिनों शक्ति भवन में हुई एमपीआर बैठक में चेयरमैन ने इसके संकेत भी दिए थे। चूंकि ज्यादातर काम अब ठेके पर होने के चलते सिविल विभाग में काम का दायरा कम होता जा रहा है।
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यूपीपीसीएल के चेयरमैन डा. आशीष गोयल के निर्देश पर पूर्वांचल-डिस्काम में एप बिलिंग की शुरूआत हो गई है। केवाईसी की तर्ज पर इस बिलिंग को अभियंताओं व लाइनमैन की निगरानी में किया जाएगा।
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