BNP NEWS DESK। NTA यूजीसी नेट, नीट-यूजी जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में सामने आयी गड़बड़ियों के बाद विवादों में घिरी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने अपने काम काज में सुधार व अधिक पारदर्शिता बरतने की जगह अब चीजों को छुपाना शुरू कर दिया है।
NTA इसकी शुरूआत उनसे दस जुलाई को शिक्षकों के प्रवेश से जुड़ी परीक्षा एनसीईटी से कर दी है। जिसमें परीक्षा में कितने छात्रों ने हिस्सा लिया। देश भर के कितने केंद्रों यह परीक्षा आयोजित की गई थी। साथ ही वह ठीक तरीके से संपन्न हुई या फिर उनमें किसी तरह की गड़बड़ी पाई गई है, जैसी जानकारियां उसकी ओर से नहीं दी गई।
कुछ गड़बड़ियों के चलते रद कर दिया
खासबास बात यह है कि यह वही परीक्षा थी, जो इससे पहले 12 जून को आयोजित की गई थी। जिसे बाद में कुछ गड़बड़ियों के चलते रद कर दिया था। एनटीए का यह रवैया तब है, जब उसकी ओर से पूर्व में आयोजित की जाने वाली सभी परीक्षाओं की जानकारी उसी दिन शाम तक या अगले दिन तक दी जाती थी। इस बीच एनटीए की ओर से परीक्षा से जुड़ी जानकारी सामने न आने से परीक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे है।
शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित है
एनटीए का यह रवैया तब है, जब परीक्षाओं की गड़बड़ियों के बाद उसके काम-काज में सुधार व पूरी प्रक्रिया को और ज्यादा पारदर्शी बनाने की पहल शुरू की गई है। शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित है, जिसे दो महीने में इससे जुड़ी रिपोर्ट देनी है। इस बीच सीएसआईआर-यूजीसी नेट परीक्षा 25 से 27 जुलाई को और यूजीसी नेट की परीक्षा 21 अगस्त से चार सितंबर के बीच होना प्रस्तावित है। NTA
सूत्रों की मानें तो एनटीए के रवैए में यह बदलाव उसकी सोची समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है क्योंकि नीट -यूजी मामले में उसे जिस तरह से नोटीफिकेशन के आधार पर घेरा गया है, जिसमें उसने अपने नोटीफिकेशन में परिणाम जारी करने की संभावित तिथि 14 जून दी थी, जबकि परिमाण चार जून को ही आम चुनावों के परिणामों की गहमा-गहमी के बीच जारी कर दिया था।
इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन विंडो को बीच में खोलने जैसी जानकारियां उसे कटघरे में खड़ा कर रही है। छात्रों ने इसे सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया है। यही वजह है कि अब वह ऐसी जानकारियों को देकर फंसना नहीं चाहती है।
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यूजीसी नेट, नीट-यूजी जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में सामने आयी गड़बड़ियों के बाद विवादों में घिरी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने अपने काम काज में सुधार व अधिक पारदर्शिता बरतने की जगह अब चीजों को छुपाना शुरू कर दिया है।
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