BNP NEWS DESK। Ekadashi मोक्षदायिनी काशी के श्मशान घाट का नजारा शुक्रवार को रंगभरी एकादशी पर अलग दिखा। हरिश्चंद्र घाट पर मसान की होली की परंपरा का काशी की उत्सव प्रिय जनता ने बड़े ही उत्साह और होलियाना माहौल में निभाया।
युवाओं की समूहबद्ध टोलियों ने श्मशान घाट पर बाबा भोलेनाथ व उनके गणों के प्रतिरूपों संग जमकर चिता भस्म से होली खेली और जमकर नृत्य किया। इस होली और नृत्य में विशेषतौर पर किन्नर समूह ने भी भागीदारी निभाई और नृत्य की परंपरा का पालन किया।
Ekadashi बाबा मसान नाथ व काशी मोक्ष दायिनी सेवा समिति के तत्वावधान में रवींद्रपुरी स्थित बाबा कीनाराम स्थल से हरिश्चंद्र घाट तक निकली मसान बाबा की शोभायात्रा में सड़कों का नजारा पूरी तरह भोलानाथमय हो गया था।
सड़कों पर अबीर-गुलाल और बाबा को चढ़ाए जाने वाले भस्म चहुंओर उड़ते रहे। भंग के रंग से सराबोर भोलेनाथ के प्रतिरूप संग युवाओं की टोलियों के पांव डीजे पर बज रहे होली खेले मसाने में… जैसे गीतों व ढोल-नगाड़ा और ताशों की थाप पर खूब थिरके।
डेढ़ किलोमीटर तक लंबी शोभायात्रा
Ekadashi लगभग डेढ़ किलोमीटर तक लंबी इस शोभायात्रा में नंदी की प्रतिमा पर भोलेनाथ और माता पार्वती के रूप अत्यंत शोभायमान लग रहे थे। इस प्रतिरूप पर अपनी छतों पर और सड़क किनारे खड़े लोग फूलों की वर्षा कर रहे थे। शोभायात्रा में शामिल लोग अबीर-गुलाल व भस्म से पूरी तरह सराबोर हो गए थे। शोभायात्रा अपराह्न दो बजे के बाद श्मशान घाट पहुंची।
वहां पहले से ही युवाओं की टोली नृत्य करने में मशगूल थी। भीड़ का आलम यह था कि शोभायात्रा के वहां पहुंचने पर घाट पर तिल रखने की जगह भी नहीं बची थी। इसके बाद मसाने की होली खेलने का जो क्रम शुरू हुआ वह काफी देर तक चला।
इसका मुख्य आकर्षण भोलेनाथ के गणों के प्रतिरूप और किन्नर समाज का भावपूर्ण नृत्य रहा। इस दौरान घाट पर स्थित मसान नाथ की लोगों ने पूजा की और भव्य आरती के दृश्य को आंखों में समेटा।
मारकंडेय महादेव धाम में जुटी भक्तों की भारी
कैथी गंगा गोमती संगम तट पर स्थित मार्कंडेय महादेव धाम में फाल्गुन मास की एकादशी के अवसर पर सुबह से ही भक्तों की काफी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान के बाद भगवान का शिव का दर्शन पूजन किया।
मान्यता है कि रंग भरी एकादशी को भगवान शिव का गौना होता है और माता पार्वती का आगमन होता है।. रंग और अबीर से भगवान् शिव का श्रृंगार किया गया , भक्तों ने भी आपस में खूब अबीर गुलाल लगाये। मंगल गीत गाकर महिलाओं ने गौरा पार्वती को सिन्दूर अर्पण किया और पूजन अर्चन किया।
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Ekadashi मोक्षदायिनी काशी के श्मशान घाट का नजारा शुक्रवार को रंगभरी एकादशी पर अलग दिखा। हरिश्चंद्र घाट पर मसान की होली की परंपरा का काशी की उत्सव प्रिय जनता ने बड़े ही उत्साह और होलियाना माहौल में निभाया।
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