BNP NEWS DESK। Mahashivratri देवाधिदेव महादेव बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ अपने विवाहोत्सव पर पूरी रात भक्तों के साथ जागेंगे। महाशिवरात्रि पर 18 फरवरी की भोर 2.15 बजे मंदिर के पट मंगला आरती के लिए खुलेंगे तो 19 की रात 11 बजे शयन आरती के बाद ही बंद होंगे।
इस तरह भक्तों को लगातार 45 घंटे बाबा के दर्शन सुलभ होगा। साल में यही एक अवसर होता है जब बाबा दरबार पूरी रात खुला रहता है। विवाह की रस्म के प्रतीक स्वरूप चार पहर बाबा का अलग-अलग रूप श्रृंगार कर पूजा-आरती की जाती है।
18 फरवरी की भोर 2.15 बजे शुरू होगी मंगला आरती, 3.30 बजे से दर्शन
Mahashivratri श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की ओर से बुधवार को महाशिवरात्रि पर पूजा-आरती की समय सारणी जारी की गई। मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. सुनील कुमार वर्मा के अनुसार पर्व विशेष पर मंगला आरती 2.15 बजे शुरू होगी और 3.15 बजे तक चलेगी।
इसके बाद 3.30 बजे दर्शनार्थियों के लिए पट खोल दिए जाएंगे। मध्याह्न भोग आरती दोपहर 12 से 12.30 बजे तक चलेगी। रात 11 बजे से चार पहर की आरती शुरू होगी जो अगले दिन सुबह 6.15 बजे तक चलेगी। हर आरती से दस मिनट पहले शंख बजेगा और गर्भगृह में प्रवेश रोक कर पूजा की तैयारी की जाएगी।
चार पहर की आरती
प्रथम पहर : रात 11 बजे से 12.30 बजे तक।
द्वितीय पहर : रात 1.30 बजे से 2.30 बजे तक।
तृतीय पहर: 19 की भोर तीन बजे से 4.25 बजे तक।
चतुर्थ पहर : भोर पांच बजे से सुबह 6.15 बजे तक।
बाबा के धाम में प्रवाहमान होगी शिव गंगा
श्री काशी विश्वनाथ धाम महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या से ही गीत-भजनों से गूंज उठेगा। धाम के शंकराचार्य चौक में शाम चार बजे से संगीत संध्या का आयोजन किया जाएगा। इसमें ख्यात भजन गायिका तृप्ति शाक्या व आर्यन मिश्रा सुर लगाएंगे। पद्मश्री शिवनाथ मिश्रा व देवव्रत मिश्रा सितार की झंकार में बाबा की महिमा का बखान करेंगे। प्रशांत मिश्रा व आनंद मिश्रा तबला वादन से शिव दरबार सजाएंगे।
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महाशिवरात्रि पर 18 फरवरी की भोर 2.15 बजे मंदिर के पट मंगला आरती के लिए खुलेंगे तो 19 की रात 11 बजे शयन आरती के बाद ही बंद होंगे।
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