BNP NEWS DESK। ICMR Guideline भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद Indian Council of Medical and Research ने दिशा-निर्देश जारी कर लोगों को कम बुखार या वायरल ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों के लिए एंटीबायोटिक का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है और चिकित्सकों को इन दवाओं का परामर्श देते समय समयसीमा का ध्यान रखने की सलाह दी है.
ICMR के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि स्किन और सॉफ्ट टिश्यू के संक्रमण के लिए पांच दिन, समुदाय के संपर्क में आने से हुए निमोनिया के मामले में पांच दिन और अस्पताल में हुए निमोनिया के लिए आठ दिन के लिए एंटीबायोटिक दी जानी चाहिए.
नेशनल एक्शन प्लान का संशोधित रूप
ICMR Guideline आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने बताया कि नई गाइडलाइन “ट्रीटमेंट गाइडलाइंस फॉर एंटीमाइक्रोबियल यूज इन कॉमन सिंड्रोम” 2017 में बनाए गए नेशनल एक्शन प्लान फॉर एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस का संशोधित रूप है. इसका दूसरा सशोधित रूप 2019 में रिलीज किया गया था जिसमें बोन और ज्वाइंट इंफेक्शन, स्किन और सॉफ्ट टिशू और सेंट्रल नर्वस सिस्टम इंफेक्शन के बारे में गाइडलाइंस बनाई गई थी.
अब इसका नया रूप सामने आया है. वर्तमान गाइडलाइन का मकसद एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस के मानकों को और पुख्ता करना है. दरअसल, एंटीबायोटिक्स का सही इस्तेमाल बैक्टीरियल इंफेक्शन में होता है लेकिन अन्य तरह के इंफेक्शन में इसका इस्तेमाल करने से शरीर के गुड बैक्टीरिया मरने लगते हैं, इस कारण बीमारी वाले बैक्टीरिया ढीढ हो जाते हैं जो बाद में एंटीबायोटिक्स से भी नहीं मरते.
आईसीएमआर ने दी चेतावनी
ICMR Guideline आईसीएमआर के डाटा के मुताबिक प्रत्येक साल करीब 20 लाख इंफेक्शन के मामले सामने आते हैं, इनमें से 23,000 मौतें हो जाती है. आईसीएमआर के प्रवक्ता ने बताया कि नेशनल एक्शन प्लान-एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस को वैश्विक एक्शन प्लान के तहत बनाना मकसद है ताकि देश की जरूरतों को प्राथमिकता में रखी जा सके.
वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि कोविड-19 को देखते हुए एंटीमाइक्रोबियल दवाइयों का इस्तेमाल बहुत बढ़ा है. इस परिप्रेक्ष्य में इस गाइडलाइन को बनाना और भी महत्वपूर्ण है. आईसीएमआर ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोविड-19 के बाद से कई महत्वपूर्ण एंटीबायोटिक्स और एंटीफंगल दवाइयां बेअसर होने लगी है.
इसलिए एंटीबायोटिक का इस्तेमाल बिना जरूरत किसी भी हाल में न हो. आईसीएमआर की एक स्टडी में यह भी कहा गया है कि 2021 में आईसीयू में न्यूमोनिया के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली कार्बापेनेम्स (carbapenems) दवा के प्रतिरोध यानी बेअसर होने के मामले बढ़ गए हैं जो इस बीमारी के इलाज को सीमित कर दिया है. इन सब परिस्थितियों को देखते हुए एंटीबायोटिक के इस्तेमाल को लेकर गाइडलाइन बनाना बहुत जरूरी थी.
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ICMR ने दिशा-निर्देश जारी कर लोगों को कम बुखार या वायरल ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों के लिए एंटीबायोटिक का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है!
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