BNP NEWS DESK। Jainism जैन धर्म के अष्टम तीर्थंकर चंद्र प्रभु एवं 23 में तीर्थंकर भगवान पारसनाथ का जन्म कल्याणक दिवस भव्यता के साथ मनाया गया। गुरुवार पौष वदी एकादशी एकादशी को जैन धर्म के अष्टम तिथि भगवान चंद्रपुर जन्म एवं तप कल्याणक दिवस चंद्र प्रभु की जन्मस्थली श्री चंद्रावती दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र मैं प्रातः 6:30 बजे से मनाया गया।
सर्वप्रथम भगवान का 108 कलशों से जलाभिषेक हुआ उसके बाद संपूर्ण विश्व में शांति हेतु सभी कष्टों के समाधान हेतु सर्वांगीण विकास, बृहद शांति धारा की गई उसके बाद भगवान चंदा प्रभु की पंचकल्याणक पूजन देव शास्त्र गुरु पूजन 24 पूजन के साथ अन्य पूजाएं भी संपन्न हुई।
Jainism सायंकाल सांस्कृति कार्यक्रम के साथ भव्य आरती भी हुई। संपूर्ण भारत के सभी जैन मंदिरों में भगवान पारसनाथ भगवान चंद्र प्रभु का जन्म एवं तप कल्याणक दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर चंद्रावती जैन तीर्थ क्षेत्र के महा प्रबंधक श्री श्याद्वाद महाविद्यालय के पुस्तकालय अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार जैन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के उप पुस्तकालय अध्यक्ष दो विवेकानंद जैन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के जैन बौद्ध दर्शन के डॉक्टर आनंद जैन, दिलीप जैन तीर्थ क्षेत्र प्रबंधक, पंकज जैन, मक्खन जैन, मोना जैन आदि के अलावा संपूर्ण जैन समाज ने भाग लेकर भगवान के जन्म कल्याण दिवस पर प्राप्त किया।
तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री प्रशांत जैन ने ऑनलाइन जुड़ करके धर्म लाभ लिया। आज भगवान पारसनाथ के2900 वें जन्म कल्याण दिवस पर चौक से भगवान की जन्मस्थली भेलूपुर तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई चांदी के गजरथ पर भगवान चंदा प्रभु भगवान पारसनाथ को विराजमान करके शोभा यात्रा निकाली गई। वहां पर भी अभिषेक शांति धारा पूजन आदि कार्यक्रम हुए।
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