बीएनपी न्यूज डेस्क। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी के चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाल ली है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश आसमयिक निधन के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी मिलना अहम है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद से ही पद खाली और फिलहाल चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति का इंतजार है। सीडीएस के पद का सृजन दो साल पहले हुआ था और उससे पहले चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी का पद ही सबसे बड़ा था। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की बीते सप्ताह बुधवार यानी 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया था।
जनरल रावत के अलावा उनकी पत्नी मधुलिका रावत एवं 11 अन्य सैन्य अफसरों की भी मौत हो गई थी। यही नहीं इस हादसे के वक्त एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का भी बुधवार को निधन हो गया। उन्होंने बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में अंतिम सांस ली। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के मुताबिक नरवणे को चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी के चेयरमैन की जिम्मेदारी इसलिए मिली है क्योंकि वह मौजूदा तीनों सेनाओं के प्रमुखों में सबसे सीनियर अधिकारी हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के बारे में 5 बातें जानें
लेफ्टिनेंट जनरल नरवाना सेना को पूर्वी कमान की कमान संभालने का अनुभव है, जो भारत की चीन के साथ लगभग 4,000 किलोमीटर की सीमा की देखभाल करती है।
जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद विरोधी माहौल के बीच अपनी 37 वर्षों की सेवा में लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे ने शांति, क्षेत्र और अत्यधिक सक्रियता में कई कमांड नियुक्तियों में काम किया है।
मनोज मुकुंद नरवणे ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इन्फैन्ट्री बिग्रेड की कमान भी संभाली है।
जनरल मनोज मुकुंद वह श्रीलंका में इंडियन पीस कीपिंग फोर्स का भी हिस्सा थे और तीन साल तक उन्होनें म्यांमार में भारतीय दूतावास में भारत के रक्षा प्रशिक्षक के रूप में काम किया था।
जनरल मनोज मुकुंद को जम्मू कश्मीर में अपनी बटालियन की कमान प्रभावी तरीके से संभालने को लेकर सेना पदक मिल चुका है। उन्हें नगालैंड में असम राइफल्स (उत्तरी) के महानिरीक्षक के तौर पर उल्लेखनीय सेवा को लेकर ‘विशिष्ट सेवा पदक’ तथा प्रतिष्ठित स्ट्राइक कोर की कमान संभालने को लेकर ‘अतिविशिष्ट सेवा पदक’ से भी नवाजा जा चुका है1 उन्हें ‘परम विशिष्ट सेवा पदक’ से भी सम्मानित किया गया है।
एनडीए से एक ही बैच के हैं तीनों सेना प्रमुख
अब थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने होंगे. वहीं एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (Air Chief Marshal RKS Bhadauria) हैं और नौसेना अध्यक्ष करमबीर सिंह (Navy Chief Admiral Karambir Singh) हैं। इन तीनों सेना प्रमुख के बीच दो समानताएं हैं, जो इंटरनेट पर काफी शेयर हो रही हैं। तीनों सेना प्रमुखों के बीच पहली कॉमन कड़ी है उनके पिता और इंडियन एयर फोर्स।
इन तीनों सेना प्रमुखों के पिताओं ने अलग-अलग पद पर रहकर इंडियन एयरफोर्स में सेवाएं दी हैं. नरवाने के पिता और एडमिरल सिंह के पिता तो काफी अच्छे दोस्त भी रहे. वहीं एयर चीफ मार्शल भदौरिया के पिता आईएएफ के एक रिटायर्ट ऑनररी फ्लाइंग ऑफिसर हैं।
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