BNP NEWS DESK। Srikashi Vishwanath श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में अमूल के काउंटर से अब तंदुल (चावल) का लड्डू महाप्रसाद के रूप में प्राप्त होगा। मंदिर न्यास के अनुसार उसकी देखरेख में अमूल ने इसे शास्त्रोक्त विधि से निर्मित किया है। इस महाप्रसाद के निर्माण में बाबा विश्वनाथ को अर्पित किए गए बिल्व पत्रों का भी उपयोग किया गया है। विजयदशमी पर शनिवार को मंदिर प्रांगण में शिवभक्तों को इसके विक्रय का शुभारंभ किया गया।
भगवान शिव को प्रिय वस्तुओं से प्रसाद बनवाने का निर्णय लिया
Srikashi Vishwanath श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने भगवान शिव को प्रिय वस्तुओं से प्रसाद बनवाने का निर्णय लिया था। इस क्रम में विद्वानों ने शिव महापुराण, शिवर्चना चंद्रिका, वीर मित्रोदय:, लिंग पुराण, स्कंद पुराण आदि ग्रंथों का अध्ययन कर भगवान शिव को प्रिय और चढ़ाए जाने वाले प्रसाद स्वरूप वस्तुएं चिह्नित कीं। इसमें तंदुल, अक्षत या चावल का प्रसाद शिवजी के लिए सर्वोत्तम पाया गया। इसे तंदुल महाप्रसाद का नाम दिया गया।
न्यास द्वारा सभी गुणवत्ता मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए सनातन, शास्त्रीय एवं परंपरागत मान्यताओं का समावेश कर यह विशिष्ट प्रसाद तैयार कराया गया है। इसमें विशेष रूप से उन बेल पत्रों का उपयोग किया जाएगा जो भगवान विश्वेश्वर को अर्पित किए गए होंगे और मंदिर की आध्यात्मिक ऊर्जा से समृद्ध होंगे। बेल पत्रों को अच्छी तरह साफ करने के बाद सुखाकर इसका चूर्ण बनाया जाएगा और इसका उपयोग प्रसादम में किया जाएगा। Srikashi Vishwanath
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास से हुए समझौते के अनुसार मंदिर ट्रस्ट द्वारा उपलब्ध करवाई गई रेसिपी का प्रसाद बनास डेयरी (अमूल) की पिंडरा स्थित फैक्ट्री में देसी घी में बनाया जाएगा। प्रसाद परिसर में स्थित काउंटर से भक्तों को प्राप्त होगा।
अवसर पर मंदिर न्यास सदस्य प्रो. ब्रजभूषण ओझा ने बताया कि इस महाप्रसाद से शिवभक्तों का कल्याण होगा एवं न्यास की गरिमा में वृद्धि होगी। न्यास अध्यक्ष प्रो. नागेन्द्र पांडेय, सदस्य प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय, वेंकट रमन घनपाठी, श्रीकाशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी, सीईओ विश्व भूषण मिश्र आदि थे।
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श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में अमूल के काउंटर से अब तंदुल (चावल) का लड्डू महाप्रसाद के रूप में प्राप्त होगा।
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