BNP NEWS DESK। Kasi-Tamil Sangamam ऐतिहासिक नगरी काशी आज से भारत की दो पौराणिक संस्कृतियों के मिलन की गवाह बनने जा रही है। भारतीय सनातन संस्कृति के दो पौराणिक केंद्र विश्वेश्वर और रामेश्वर के मिलन के लिए काशी नगरी तैयार है। एक महीने तक चलने वाले काशी-तमिल संगमम में इस बार “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की थीम है। इसी थीम पर काशी को भी सजाया जा रहा है। इस मौके पर उत्तर-दक्षिण की संस्कृतियों, परंपरा, खानपान और शैलियों का संगम तो होगा . तमिलनाडु के 12 प्रमुख मठों के महंतों को सम्मानित किया जाएगा।
काशी-तमिल संगमम ट्रेन में सफ़र कर रहे यात्री ने अपने अनुभव साझा करते हुए हर्ष व्यक्त किया l #IndianRailways pic.twitter.com/wRix8nYCAY
— West Central Railway (@wc_railway) November 17, 2022
उक्त बातें Kasi-Tamil Sangamam एवं पीएम मोदी की जनसभा की तैयारियों को लेकर पूर्वान्ह 10 बजे से सायं 4 बजे तक सर्किट हाऊस में क्षेत्र, जिला, महानगर,मंडलों एवं व्यवस्था में लगे कार्यकर्ताओ की क्रमवार चली बैठको के दौरान भाजपा प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा ने कही।
एम्फीथिएटर मैदान में बनाए गए भव्य पंडाल में 19 नवंबर को प्रधानमंत्री करेंगे संबोधित
Kasi-Tamil Sangamam सुनील ओझा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी भी देश की दो संस्कृतियों के संगम में सम्मिलित होंगे। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के एम्फीथिएटर मैदान में बनाए गए भव्य पंडाल में 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में तमिल संगमम का उद्घाटन होगा. तत्पश्चात पीएम मोदी एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इस जनसभा के लिए वाराणसी जिला व महानगर के प्रत्येक वार्ड से 200 की संख्या का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
काशी तमिल संगमम एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना
कन्नोज के सांसद एवं प्रदेश महामंत्री सुब्रत पाठक ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जब से केंद्र में सरकार बनी है तब से सांस्कृतिक पुनरुत्थान का कार्य हो रहा है। अयोध्या, केदारनाथ, काशी विश्वनाथ , महाकाल इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। काशी की बात करें तो पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र में काशी की पौराणिकता को कायम रखते हुए विकास के जो मापदंड स्थापित किए, वह अभूतपूर्व है. काशी में एक माह तक चलने वाला काशी तमिल संगमम एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने वाला होगा।
Be it Kashi or Tamil Nadu, we share the same cultural, spiritual & philosophical heritage.
'Kashi Tamil Sangamam' is an initiative for realisation of these sacred & shared emotions.
Thanks to Hon. PM Shri @narendramodi Ji for weaving whole nation in threads of unity & affinity. https://t.co/rxS6U5VQ3F
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) November 16, 2022
तमिलनाडु से जुड़ी खानपान, क्राफ्ट, वहां के छोटे उद्योग धंधों से जुड़े उत्पाद, कला संस्कृति से जुड़े स्टॉल लगाए जाएंगे
काशीवासी इस दौरान तमिल संस्कृति से परिचित होंगे काशी वासीयों द्वारा तमिलनाडु से जुड़ी खानपान, क्राफ्ट, वहां के छोटे उद्योग धंधों से जुड़े उत्पाद, कला संस्कृति से जुड़े स्टॉल लगाए जाएंगे। इस पूरे परिक्षेत्र में काशी के लोग आकर के तमिलनाडु के सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में जानकारी भी ले सकेंगे। इस पूरे एक माह के दौरान यहां पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे हर 2 दिन पर दो सौ से ढाई सौ के लोगों का एक ग्रुप वाराणसी आएगा।
अतिथि 12 ग्रुपों में आएंगे
भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश चंद श्रीवास्तव ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि काशी तमिल संगमम में आने वाले अतिथि 12 ग्रुपों में आएंगे जिनके भव्य स्वागत से लेकर भ्रमण, दर्शन,पूजन, आदि के लिए भारतीय जनता पार्टी ने भव्य तैयारियां की है। संगमम में आने वाले अतिथियों का स्टेशन पर माल्यापर्ण किया जाएगा, पटका पहनाया जाएगा एवं उनके ऊपर गुलाब के पंखुरियों की वर्षा की जाएगी, स्टेशन पर उनके लिए हेल्प काउंटर बनाया जाएगा व चाय बिस्कुट आदि की व्यवस्था की जाएगी।
क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि काशी तमिल संगमम में आने वाले अतिथियों को किसी प्रकार की कोई तकलीफ ना हो इसके लिए पार्टी ने प्रत्येक ग्रुप के सहयोग के लिए अलग अलग टीमें बनाई है जो अतिथियों के आगमन से लेकर प्रस्थान तक उनकी मदद करेगी। कहा कि इसके लिए क्षेत्र, जिला, महानगर एवं मंडल स्तर पर टीमो का गठन किया गया है।
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Kasi-Tamil Sangamam
ऐतिहासिक नगरी काशी आज से भारत की दो पौराणिक संस्कृतियों के मिलन की गवाह बनने जा रही है। भारतीय सनातन संस्कृति के दो पौराणिक केंद्र विश्वेश्वर और रामेश्वर के मिलन के लिए काशी नगरी तैयार है।
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