BNP NEWS DESK। Pervez Musharraf कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता परवेज मुशर्रफ को मौत के बाद भी माफी नहीं मिली। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सैन्य शासक मुशर्रफ की मौत की सजा बरकरार रखी है। राजद्रोह मामले में वर्ष 2019 में एक विशेष कोर्ट ने यह सजा सुनाई थी। जिस पर मुख्य न्यायाधीश काजी फैज की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने मुहर लगाई है। यह पहली बार है कि किसी पूर्व सैन्य तानाशाह को संविधान के खिलाफ कार्य करने के लिए सजा दी गई है।
Pervez Musharraf परवेज मुशर्रफ का निधन गत वर्ष पांच फरवरी को लंबी बीमारी के बाद दुबई में हो गया था। वह देश में आपराधिक आरोपों से बचने के लिए 2016 से स्व-निर्वासन में संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे थे। 17 दिसंबर 2019 को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के कार्यकाल के दौरान नवंबर 2007 में आपातकाल को लागू करने के असंवैधानिक निर्णय को लेकर राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।
शीर्ष अदालत ने मुशर्रफ के वकील की ओर से मौत की सजा के खिलाफ दायर अपील पर सुरक्षित फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति की अपील को खारिज करते हुए टिप्पणी की कि मुशर्रफ के उत्तराधिकारियों ने कई नोटिसों पर भी मामले का पालन नहीं किया। मुशर्रफ के वकील सलमान सफदर ने कहा कि अदालत द्वारा अपील पर सुनवाई करने का फैसला करने के बाद उन्होंने मुशर्रफ के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन परिवार ने कभी उन्हें जवाब नहीं दिया।
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कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता परवेज मुशर्रफ को मौत के बाद भी माफी नहीं मिली। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सैन्य शासक मुशर्रफ की मौत की सजा बरकरार रखी है।
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