BNP NEWS DESK। Peshvi of Juna Akhara वाराणासी में पंच दशनाम जूना अखाड़ा की पेशवाई बुधवार को गाजे- बाजे के साथ नागा साधुओं की उपस्थिति में धूमधाम से हुई। प्रयागराज कुंभ से लाकर यहां बैजनत्था स्थित जपेश्वर आश्रम में रखे गए देवता का विधि विधान से पूजन कर उनकी पेशवाई यात्रा निकाली गई।
Peshvi of Juna Akhara जपेश्वर मठ से पेशवाई की शुरुआत खिचड़ी के भोग से हुई। अखाड़े के देवता यानि उनका अस्त्र भाला, शिव का रूप को खिचड़ी का अर्पण कर नागा साधु व संतों को खिचड़ी का भोजन कराया गया। यात्रा में सबसे आगे बैंड बाजा विभिन्न भजन धुन बजाते हुए चल रहा था। उसके पीछे अखाड़े की विशाल ध्वजा लिए लोग व अखाड़े के महंत हरि गिरि शामिल थे। सबसे पीछे दो दर्जन नागा साधु भस्म रमाये अपने परंपरागत स्वरूप में शोभायमान हो रहे थे।
यात्रा की विशेषता थी कि जिस मार्ग पर साधु- संतों का पहुंचते दोनों ओर हाथ जोड़े स्थानीय लोग व कुंभ यात्रा के दौरान काशी आए श्रद्धालु हाथ जोड़ कर उनका अभिनंदन कर रहे थे रास्ते भर नागा साधु तलवार भांजते व करतब दिखाते आकर्षण का केंद्र हो रहे थे। पेशवाई यात्रा बैजनत्था, कमच्छा, भेलूपुर, सोनारपुरा होते हनुमानघाट स्थित मठ में पहुंची। वहां अखाड़े के देवता को स्थापित कराया गया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर डीसीपी काशी जोन गौरव वंशवाल, एडीसीपी चिनप्पा, प्रमोद कुमार , विदुष सक्सेना , एसीपी भेलूपुर थाना प्रभारी भेलूपुर विजय नारायण मिश्र आदि थे
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