BNP NEWS DESK। Varanasi Gyanvapi Case ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में मंदिर पक्ष की ओर से एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को अदालत में सुनवाई हुई। मस्जिद पक्ष ने इस पर आपत्ति के लिए वक्त मांगा। इस पर अदालत ने 100 रुपये का हर्जाना लगाते हुए अगली तिथि तक का वक्त दिया। अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी। अदालत ने पक्षकार बनने के लिए दिए गए तीन प्रार्थना पत्रों को खारिज कर दिया।
ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियिमत दर्शन-पूजन समेत अन्य मांगों को राखी सिंह समेत पांच महिलाओं की ओर से दाखिल मुकदमे की सुनवाई जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हुई। सबसे पहले इस मुकदमे में पक्षकार बनने के लिए दाखिल आठ प्रार्थना पत्रों में से बचे हुए तीन पर सुनवाई हुई। अदालत ने सभी को निरस्त कर दिया। पांच को पिछली सुनवाई पर निरस्त कर दिया था।
इसके साथ ही ज्ञानवापी परिसर में एक और एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के लिए मंदिर पक्ष की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। मस्जिद पक्ष ने इस पर आपत्ति के लिए वक्त मांगा। 17 मई को दाखिल प्रार्थना पत्र पर अभी तक आपत्ति नहीं दाखिल करने से नाराज अदालत ने मस्जिद पक्ष पर 100 रुपये का हर्जाना लगाते हुए सुनवाई की अगली तिथि तक आपत्ति दाखिल करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि तय कर दी। अदालत में मंदिर पक्ष की वादिनी राखी सिंह की ओर से काशी विश्वनाथ धाम निर्माण के दौरान करमाइकल लाइब्रेरी में लक्ष्मी गणेश की मूर्ति को संरक्षित रखने का प्रार्थना पत्र दिया गया है। वहीं मूलवाद पर सुनवाई के लिए प्रमुख बिंदुओं को भी तय करना है। इन पर सुनवाई अगली तिथि पर होगी।
ज्ञानवापी में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की मांग के प्रार्थना पत्र पर फास्ट ट्रैक में होगी सुनवाई
ज्ञानवापी परिसर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक समेत अन्य मांगों को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को सुनवाई हुई। पर्यावरणविद प्रभु नारायण की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र को सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत से सिविल जज (सीनियर डिवीजन) फास्ट ट्रैक महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। ज्ञानवापी से जुड़े कई मामले इसी अदालत में होने की चलते इसे स्थानांतरित किया गया।
प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद व प्रदेश शासन, प्रशासन के वकील उपस्थित हुए। उन्होंने प्रार्थना पत्र की प्रति प्राप्त किया। प्रार्थना पत्र पर अगली सुनवाई की तिथि तय नहीं हो सकी। प्रार्थना पत्र में ज्ञानवापी परिसर में मौजूद मां श्रृगांर गौरी, भगवान गणेश, हनुमान समेत दृश्य व अदृश्य देवी के नियमित दर्शन-पूजन, सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए वहां बने मस्जिद को हटाकर मंदिर बनाने की मांग की गई है। उनके वकील अनुपम द्विवेदी के अनुसार इस मामले में चीफ सेक्रटरी उत्तर प्रदेश जिलाधिकारी वाराणसी, पुलिस कमिश्नर वाराणसी, काशी विश्वनाथ ट्रस्ट और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद को प्रतिवादी बनाया गया है।
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Varanasi Gyanvapi Case
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में मंदिर पक्ष की ओर से एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को अदालत में सुनवाई हुई।
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