BNP NEWS DESK। economic growth rate वर्ष 2027-28 तक भारत की इकोनमी के आकार को पांच ट्रिलियन डॉलर यानी 42,86,98 अरब करोड़ रुपये (डॉलर के मौजूदा मूल्य के आधार पर) पर करने के लिए केंद्र सरकार को काफी नीतिगत मेहनत करनी होगी। वजह यह है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान देश का आर्थिक विकास दर घट कर 6.4 रहने की संभावना है।
केंद्र सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से मंगलवार को जारी वार्षिक घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के अनुमान में यह बात कही है। यह पिछले चार वर्षों का न्यूनतम जीडीपी ग्रोथ रेट है। पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनमी बनने के लिए अगले चार वर्षों तक न्यूतनतम आठ फीसद की सालाना ग्रोथ रेट चाहिए।
economic growth rate सरकारी व निजी एजेंसियों की जो रिपोर्टें सामने आई हैं उसमें वर्ष 2024-25 व वर्ष 2025-26 में सालाना विकास दर 7 फीसद से भी नीचे रहने की बात कही जा रही है। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठकों में देश के जाने माने अर्थविदों, उद्योग चैंबरों व दूसरे प्रतिनिधियों ने विकास दर की रफ्तार तेज करने के लिए सुधारों के नये कदम उठाने का सुझाव दिया है।
एनएसओ ने कहा है कि वर्ष 2024-25 की रीयल जीडीपी ग्रोथ रेट 6.4 फीसद रहने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान 8.2 फीसद की विकास दर हासिल होने का आंकड़ा अभी तक सामने आया है। कोविड के साल (2020-21) के बाद के चार वर्षों में भारतीय इकोनमी की ग्रोथ रेट क्रमश: 9.7 फीसद, 7 फीसद, 8.2 फीसद और 6.4 फीसद रहने का आंकड़ा जारी किया गया है। वैसे इस ग्रोथ रेट के बावजूद भारत चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली इकोनमी बनी रहेगी।
सबसे प्रमुख प्रतिद्वंदी देश चीन की विकास दर वर्ष 2024 में 4.9
विश्व बैंक के मुताबिक सबसे प्रमुख प्रतिद्वंदी देश चीन की विकास दर वर्ष 2024 में 4.9 फीसद और वर्ष 4.5 फीसद रहेगी। इसी एजेंसी के मुताबिक वर्ष 2024-25 में भारत की अनुमानित विकास दर 7 फीसद रहने की बात कही है।
एनएसओ ने 6.4 फीसद की ग्रोथ रेट के लिए जो अनुमान लगाये हैं वह इकोनमी के आठ प्रमुख क्षेत्रों के आधार पर किया है। इसमें सिर्फ लोक सेवा, रक्षा व अन्य सेवा विभाग की ग्रोथ रेट पिछले साल से ज्यादा (7.8 फीसद के मुकाबले 9.1 फीसद) और कृषि सेक्टर की 1.4 से बढ़ कर 3.8 हुई है। बाकी सभी की ग्रोथ रेट कम है।
सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले कंस्ट्रक्शन और सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट क्रमश: 9.9
सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले कंस्ट्रक्शन और सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट क्रमश: 9.9 फीसद से 8.6 फीसद, 6.4 फीसद से घट कर 5.8 फीसद रह गई है। प्रति व्यक्ति आय की ग्रोथ रेट इस दौरान 7.2 फीसद से घट कर 5.4 फीसद हो गई है।
वर्ष 2024-25 में प्रति व्यक्ति आय 1,24,600 रुपये से बढ़ कर 1,31,310 रुपये हो गई है। प्रभुदास लीलाधर के इकोनोमिस्ट अर्श मोगरे का कहना है कि इस डाटा में एक शुभ संकेत यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में मांग में सुधार के लक्ष्य दिखे हैं।
विकास दर बढ़ाने के लिए सरकार को अपना व्यय बढ़ाना होगा और निजी निवेश को भी प्रोत्साहित करना होगा। क्रिसिल के प्रमुख इकोनोमिस्ट डी के जोशी का कहना है कि यह बड़ी गिरावट है। इसके लिए सरकार की तरफ से वित्तीय प्रोत्साहन को कम करना और ब्याज दरों का उच्च स्तर प्रमुख तौर पर जिम्मेदार है।
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