BNP NEWS DESK। Bharatpol केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विदेश भाग चुके अपराधियों की पहचान और वापसी का रास्ता सुगम बनाने के लिए सोमवार को ‘भारतपोल’ पोर्टल लांच किया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारतीय जांच एजेंसियां भगोड़ों को पकड़ने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करें। सीबीआइ द्वारा बनाए गए इस पोर्टल की महत्वपूर्ण विशेषता ‘रीयल टाइम इंटरफेस’ है। यह पोर्टल और तीन नए आपराधिक कानून विदेश भागे भगौड़ों अपराधियों को पकड़ने का मजबूत माध्यम बनेंगे।
Bharatpol भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में शाह ने कहा कि फिलहाल राज्यों की पुलिस विदेश भागे अपराधियों को ढूंढने और फिर उनके प्रत्पर्यण के लिए केस-दर-केस फैसला करती हैं। इससे विदेश में रह रहे सभी अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित नहीं हो पाती है। अभी तक राज्यों की पुलिस को विदेश भागे भगोड़े के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस या अन्य नोटिस जारी करने के लिए सीबीआइ से ईमेल, पत्र या फैक्स के माध्यम से संपर्क करना पड़ता था।
भारतपोल पोर्टल से अब यह सिस्टम पूरी तरह बदल जाएगा
किसी मामले के फालोअप का भी यही तरीका था। भारतपोल पोर्टल से अब यह सिस्टम पूरी तरह बदल जाएगा। पोर्टल पर किसी अपराधी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी कराने के लिए आवेदन किया जा सकता है, जो सीबीआइ के मार्फत तत्काल इंटरपोल तक पहुंच जाएगा। यही नहीं, पोर्टल पर ही किसी भी केस की मौजूदा स्थिति को देखा जा सकता है।
यानी देश के किसी सुदूर कोने से भी पुलिस या कोई अन्य जांच एजेंसी किसी विदेश भागे अपराधी को ढूंढने के लिए पोर्टल के माध्यम से आसानी से इंटरपोल तक पहुंच सकती है।
यही नहीं, इसके माध्यम से ऐसे अपराधियों के खिलाफ आसानी से कार्रवाई हो सकेगी, जो दूसरे देशों में अपराध करने के बाद भारत में छिप कर रहे हैं। Bharatpol
इससे दुनिया में कहीं भी छिपे अपराधी को ढूंढकर वापस लाना आसान हो जाएगा
शाह ने कहा कि भारतपोल किसी भी भारतीय एजेंसी की पहुंच दुनिया के 195 देशों तक सुनिश्चित करा देगा, जो इंटरपोल के सदस्य हैं। इससे दुनिया में कहीं भी छिपे अपराधी को ढूंढकर वापस लाना आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की सभी जांच एजेंसियों को भारतपोल का भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए ताकि अपराधियों को ढूंढकर वापस लाना संभव हो सके।
दूसरी ओर, तीनों नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से अपराधियों के खिलाफ उनकी अनुपस्थिति में भी ट्रायल करने का रास्ता साफ हो गया है। इससे अपराध कर विदेश भागे भगोड़ों की अनुपस्थिति में केस चला कर उन्हें सजा दी जा सकेगी। भारतपोल पर इंटरपोल के 19 प्रकार के डाटाबेस उपलब्ध हैं, जो अपराधों का विश्लेषण करने, उन्हें रोकने और अपराधियों को पकड़ने में मददगार साबित होंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प चरितार्थ करने का कालखंड है। इस दौरान भारत को क्षेत्रीय व वैश्विक लीडर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वैज्ञानिक रोडमैप और समयबद्ध कार्यक्रम पर काम हो रहा है। इस दौरान वैश्विक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए हमें अपनी व्यवस्थाओं को अपग्रेड भी करना होगा और भारतपोल इसी दिशा में एक कदम है।
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