BNP NEWS DESK। Amrit bath in Mahakumbh सनातन की पताका फहराने वाले संतों व सनातनी धर्मावलंबियों की बड़ी मांग पर सहमति प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रयागराज मेला प्राधिकरण परिसर में शाही स्नान को अमृत स्नान घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि पावन संगम में अमृत की बूंदें गिरी थीं, जिसके बाद से कुंभ का आयोजन हुआ, जिससे इसे अमृत स्नान ही कहा जाना चाहिए।
Amrit bath in Mahakumbh मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपरा से चिढ़ने वाले लोग महाकुंभ को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं, उन्हें यथोचित जवाब दिया जाना चाहिए। सुरक्षा एजेंसियों को 24 घंटे सक्रिय रहने के निर्देश देते हुए खुफिया तंत्र को विशेष तौर पर सतर्कता बरतने को कहा। निर्देशित किया कि फर्जी वेबसाइट व फेक न्यूज पर अंकुश लगाई जाए।
महाकुंभ को लेकर यातायात प्रबंधन पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री महाकुंभ की तैयारियां परखने मंगलवार को इस माह पांचवी बार संगम नगरी पहुंचे। उन्होंने लेटे हनुमान मंदिर में जाकर दर्शन-पूजन किया। प्रयागराज मेला प्राधिकरण में
उन्होंने महाकुंभ के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। कहा कि जो भी कार्य शेष बचे हैं, उन्हें युद्ध स्तर पर इसी हफ्ते पूरा कराएं। इसके बाद पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि प्रमुख स्नान पर्वों पर सरकार की ओर से हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा कराई जाएगी। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। इसके लिए सभी मोर्चों पर आवश्यक तैयारी की जा रही है।
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मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा का पहला स्नान संपन्न होगा। मकर संक्रांति 14 जनवरी को दूसरा स्नान होगा जो अमृत स्नान भी होगा। फिर 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का स्नान होगा, जो मुख्य स्नान पर्वों में से एक है, जिसमें सबसे ज्यादा भीड़ आएगी। अनुमान है कि इस दिन छह से आठ करोड़ श्रद्धालु यहां पर आएंगे और अमृत स्नान में सहभागी बनेंगे।
यह पवित्र मुहूर्त भी होगा। तीन फरवरी को बसंत पंचमी है, फिर 12 फरवरी और 26 फरवरी, यह दो अतिरिक्त स्नान समेत यहां पर कुल छह स्नान होने हैं। मुख्य स्नान के दिन कोई भी प्रोटोकाल नहीं होगा।
2018 में खुला था अक्षयवट
सनातन धर्मावलंबियों की आस्था का केंद्र अक्षयवट सदियों से किला में कैद था। आमजन को उसके दर्शन-पूजन की अनुमति नहीं थी। इसको लेकर दैनिक जागरण ने समाचारीय अभियान चलाया था। अभियान का व्यापक असर हुआ। 16 दिसंबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रयागराज आए थे। वहां उन्होंने अक्षयवट को आमजन के दर्शनार्थ खोलने की घोषणा। इसके बाद अक्षयवट का दर्शन हर किसी के लिए सुलभ हो गया।
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