बीएनपी न्यूज डेस्क। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच बन रही दूरियों ने विपक्षी एकता को तार.तार कर दिया है। दोनों पार्टियों के बीच जारी खींचतान खुलकर सामने आ गई है। राष्ट्रीय स्तर पर पैठ बनाने की तृणमूल कांग्रेस की कोशिश कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है। ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी लगातार कांग्रेस की अनदेखी कर रही है। विपक्ष की बैठकें हों या कांग्रेस के नेतृत्व वाले दलों से दूरीए तृणमूल ने अपनी मंशा साफ कर दी हैए कांग्रेस के हाथों में विपक्ष का नेतृत्व उन्हें स्वीकार्य नहीं है। इसलिए संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने के लिए रणनीति तय करने के मकसद से कांग्रेस ने विपक्षी दलों की जो बैठक बुलाई थीए टीएमसी ने उसमें हिस्सा नहीं लिया और न ही वो केंद्र सरकार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस समेत दूसरी पार्टियों के साथ शामिल हुई।
अब ममता बनर्जी चाहती हैं विपक्ष का नेतृत्व करना
टीएमसी प्रमुख व बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के केंद्रीय राजनीति में सक्रिय होने को देखते हुए भाजपा ने कांग्रेस पर तंज किया है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व बंगाल के नेता दिलीप घोष ने कांग्रेस.तृणमूल के बीच बढ़ते फासले को लेकर कहा कि सोनिया गांधी का समय पूरा हो चुका है। अब ममता बनर्जी विपक्ष का नेतृत्व करना चाहती हैं। घोष ने यह भी कहा कि विपक्ष का ये नाटक काफी पुराना है। विपक्ष की हर पार्टी चाहती है कि वह नेतृत्व करे। ममता बनर्जी भी विपक्ष की नेता बनना चाहती हैं।
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