बीएनपी न्यूज डेस्क । आदियोगी भगवान शिव की नगरी काशी में योग की परंपरा युगों पुराना हैं। आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर अलसुबह सूर्योदय के साथ ही योग करके निरोग रहने की कामना के साथ ही उत्तरवाहिनी माँ गंगा के तट और गंगा घाटो के साथ ही पार्कों और घरों पर काशीवासियों ने योगासन किए और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए शरीर को योग के प्रति समर्पित किया। इस दौरान शहर के विभिन्न सामुदायिक स्थलों पर भी योग दिवस का आयोजन कर योग की महत्ता को प्रचारित और प्रसारित किया गया।
शहर में प्रमुख आयोजन नमो घाट पर सुबह सूर्योदय के साथ ही मनाया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उनके अलावा शहर के गणमान्य लोगों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी और राजनीतिक दलों के लोगों ने भी नमो घाट पर योग किया।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि योग मनुष्य को केवल शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ्य नहीं बनाता बल्कि यह सामाजिक रूप से भी व्यक्ति का विकास करता है। योग मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाने भी में मदद करता है।
इस बार के योग दिवस की थीम ‘मानवता के लिए योग’ है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में आज 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2015 को मनाया गया था। जिसका प्रस्ताव सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने संबोधन में किया था। इसके बाद 21 जून को इंटरनेशनल योग डे मनाने की घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा कि योग हमारी सनातन संस्कृति का प्रतीक है। जिसे आज पूरे विश्व ने स्वीकार किया है।
कोरोना के बाद आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस तो पूरी दुनिया में विशेष है लेकिन काशी में विशेष आयोजन हुआ। नमो घाट पर और उसके सम्मुख मां गंगा की लहरों पर योग की अलौकिक छटा देखने को मिली। नमो घाट पर इस विशेष व प्रमुख कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पर्यटन मंत्री वाराणसी के प्रभारी जय वीर सिंह थे। उन्होंने करीब 200 वीआईपी के साथ योग किया।
नमो घाट पर करीब 500 मीटर में 19 ब्लाक बनाये गए थे। इनमें करीब 5000 लोगों ने सुबह 6 बजे अपना स्थान ले लिया। सभी ब्लाक में लगी एलईडी स्क्रीन पर मैसूर में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जा रहा था। करीब साढ़े 6 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सम्बोधन शुरू हुआ। इसके बाद 7 बजे मोदी के साथ यहाँ भी लोगों ने संचालक डॉ दीपिका दवे के निर्देशन में योग का अभ्यासक्रम (प्रोटोकॉल) चालू किया।
डॉक्टर दीपिका जैसे-जैसे निर्देश दे रहीं थीं लोग वैसे वैसे योग की मुद्रा को कर रहे थे। इसके साथ ही सभी को सूचना विभाग द्वारा प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की एक सामान्य योग अभ्यासक्रम पुस्तिका भी वितरित की गई थी। जिसका लोगों ने पहले से अध्ययन किया हुआ था। जैसे-जैसे सूरज की रोशनी बढ़ती गई वैसे वैसे योग पहले खड़े होकर फिर बैठ कर और लेट कर किया।
लोगों को यह भी बताया गया कि अगर ये समस्या है तो ये मुद्रा न करें। योग और प्राणायाम के अंत में लोगों ने योग को जीवन में शामिल करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान से हुआ।इस नमो घाट के सम्मुख बड़ों को क्रम से सजा कर खड़ा किया गया था। इस दौरान जेटी को आपस में जोड़ कर बनाई गई 75 अंक को उकेरा गया था जो स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव का संदेश दे रहे थे। जेटी पर भी एक कतार में कुछ लोगों ने योग किया।
नमो घाट के अलावा गंगा के किनारे सभी 84 घाटों पर भी कार्यक्रम हुए। इसमें कई संस्थाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्ययक्रम में महापौर मृदुला जायसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, नगर आयुक्त प्रणय सिंह आदि ने भाग लिया।
अन्य प्रमुख कार्यक्रम सारनाथ में और 39 जीटीसी में हुए। भाजपा ने भी अपने सभी शक्ति केंद्र व मंडल स्तर पर योग शिविर लगाया।
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