BNP NEWS DESK। Temple in Madanpura वाराणसी के मदनपुरा में मिले सिद्धिश्वर महादेव के मंदिर पर किसी का मालिकाना हक नहीं है। बंगाल के राजा महेंद्र रंजन राय ने केवल जमीन और मकान ही बेचा है। दस्तावेजों में मंदिर के बिकने का कहीं भी जिक्र नहीं है। नगर निगम से मिले दस्तावेजों के आधार पर स्थिति साफ हो गई कि यह मंदिर हिंदुओं की सार्वजनिक संपत्ति है।
Temple in Madanpura जमीन से जुड़े दस्तावेजों की नकल बृहस्पतिवार को सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने प्राप्त की। काशी विद्वत परिषद और सनातन रक्षक दल जल्द ही मंदिर में पूजन शुरू कराएंगे।
जांच में सामने आया ये सच
नगर निगम के 1927 से 1932 तक के असेसमेंट रजिस्टर की जांच के बाद पता चला है कि राजा महेंद्र रंजन राय ने हाजी ताज मोहम्मद को जमीन व मकान की रजिस्ट्री की थी। इसके बाद से आज तक की तिथि में मकान पर हाजी ताज मोहम्मद व परिवार का नाम चला आ रहा है।
सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि नगर निगम के असेसमेंट रजिस्टर की पक्की नकल में कहीं भी मंदिर को बेचने का कोई जिक्र नहीं है। इससे यह साबित होता है कि यह मंदिर हिंदुओं का सार्वजनिक है और इस पर किसी का भी अधिकार नहीं है। ऐसे में मंदिर खरीदने की बात और इस पर अधिकार जताने वालों पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
मूर्ति और शिवलिंग गायब होने पर कार्रवाई की मांग
प्रदेश अध्यक्ष ने जिला प्रशासन से मांग की है कि मंदिर से अगर मूर्ति और शिवलिंग गायब है तो इसकी जांच करके कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। यह मंदिर हिंदुओं का सार्वजनिक मंदिर है और किसी के द्वारा बेचा नहीं गया है। जबरदस्ती इसे अपनी संपत्ति बताकर बंद रखा गया। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि नगर निगम से मिले दस्तावेजों के आधार पर यह सिद्ध हो गया है कि मंदिर हिंदुओं का है। इस पर किसी का मालिकाना हक नहीं है।
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