BNP NEWS DESK। Mahakumbh 2025 पावन संगम की धर्म धरा पर सनातन आस्था के सबसे बड़े केंद्र महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं ने महारिकार्ड बना दिया है। यहां पर 45 दिनों में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जो अपने आप में सबसे बड़ा इतिहास बन गया है। यह संख्या कई देशों की आबादी से भी कई गुना अधिक है। भारत और चीन की जनसंख्या ही इससे ज्यादा है। अब तक दुनिया में किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या अन्य आयोजनों में इतनी भीड़ नहीं जुटी है।
Mahakumbh 2025 उदाहरण के लिए सऊदी अरब में हर साल होने वाले हज में करीब 25 लाख मुस्लिम मक्का में एकत्रित होते हैं। दूसरी तरफ इराक में हर साल होने वाले अरबईन में दो दिन में दो करोड़ से अधिक अकीदतमंद जुटते हैं।
कुंभ-2019 में 25 करोड़ श्रद्धालु आए
कुंभ-2019 में 25 करोड़ श्रद्धालु आए थे। अबकी 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना थी। प्रयागराज में 45 दिन में जुटे श्रद्धालुओं की संख्या विश्व के दो देशों को छोड़कर सभी देशों से अधिक है। जहां भारत की अनुमानित आबादी 145 करोड़ है, वहीं चीन की अनुमानित जनसंख्या 141 करोड़ है।
इसके बाद नंबर आता है अमेरिका का, जहां की आबादी 34 करोड़ है। यानी महाकुंभनगर में पहुंचे लोगों के मुकाबले सिर्फ आधी है। यही नहीं महाकुंभ में अमेरिका की दोगुनी से ज्यादा, पाकिस्तान की ढाई गुना से अधिक और रूस की चार गुनी से ज्यादा आबादी के बराबर श्रद्धालु आ चुके हैं।
यही नहीं, जापान की पांच गुना आबादी, यूके की 10 गुना से ज्यादा आबादी और फ्रांस की 15 गुना से ज्यादा आबादी ने यहां आकर त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई है।
मौनी अमावस्या पर थी दुनिया की सबसे अधिक आबादी
तीर्थराज में मौनी अमावस्या पर करीब 7.6 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई, जो एक दिन में किसी एक जगह पर लोगों के जुटान का रिकार्ड है। दरअसल, प्रयागराज की आबादी करीब 72 लाख है। मौनी अमावस्या के दिन जिले में की आबादी करीब आठ करोड़ हो गई थी। जर्मनी की आबादी आठ करोड़ से ज्यादा है, मौनी अमावस्या के दिन उसकी आबादी भी प्रयागराज पहुंची भीड़ से कम रही।
ट्रेन, बस और विमानों का ‘महाकुंभ’
आठ रेलवे स्टेशनों से हर दिन सैकड़ों ट्रेन चली। एयरपोर्ट पर विमानों का नया कीर्तिमान बना। आठ राज्य व 75 शहरों से रोडवेज बसों का संचालन हुआ। औसतन प्रतिदिन 100 से अधिक विशेष ट्रेनें चलीं, हर दिन 2500 से अधिक बसें सड़क पर दौड़ीं, औसतन 100 विमानों का हर दिन आवागमन हो रहा हो वहां तक हर कदम पर कीर्तिमान तो बनेंगे ही। धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव संजोने वाली प्रयागराज की यात्रा अब आधिकारिक रूप से पूर्ण हुई। 45 दिनों में 17,000 ट्रेनों का संचालन हुआ, जो प्रयागराज से आठ रेलवे स्टेशनों से चलीं और करीब चार करोड़ यात्रियों ने यात्रा की।
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