BNP News Desk। Ajay Rai Case वाराणसी में विधान सभा चुनाव के दौरान बिना अनुमति नामांकन जुलूस निकालने के मामले में पूर्व विधायक अजय राय के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय किया गया। इस मामले में पूर्व विधायक अजय राय अपने अधिवक्ता अनुज यादव व विकास सिंह के साथ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायधीश उज्ज्वल उपाध्याय के समक्ष उपस्थित हुए। जिसके बाद अदालत में उन पर आरोप तय किया गया। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 9 सितंबर नियत की है।
बता दें की कैंट पुलिस ने अदालत में परिवाद दर्ज कराया था।
आरोप था कि 11 सितम्बर 1996 को करीब 12 बजे दिन में तत्कालीन विधायक प्रत्याशी अजय राय अपने समर्थक राजेश रंजन, रामाश्रय, सुरेश उपाध्याय, विनोद कुमार, प्रवीण कुमार, सच्चिदानंद, सत्यनारायण, अशोक कुमार, विनोद कुमार, सत्येंद्र सिंह, अमरनाथ, जयप्रकाश, राकेश, लालजी दूबे समेत 350-400 लोगों ले साथ 200-250 गाड़ियों, बस, कर, जीप, स्कूटर, मोटर साइकिल एवं ट्रैक्टरों में भरकर जुलूस के शक्ल में नारेबाजी करते हुए जौनपुर-वाराणसी मुख्य मार्ग से होते हुए शिवपुर बाईपास से कचहरी जाने वाली मार्ग पर अजय राय के नामांकन के विषय में मुख्य मार्गों को घेरकर अवरोध उत्पन्न कर दिए।
साथ ही गाड़ियों में और छत पर बैठे लोग अजय राय के समर्थन में उत्तेजक नारे लगाते हुए पूरे मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर दिया। इतनी अधिक संख्या में वाहनों एवं व्यक्तियों को एकत्र करके उत्तेजक नारेबाजी लगाते हुए जुलूस निकालने के संबंध में निषेधाज्ञा 6 सितम्बर 1996 के तहत वर्णित किसी सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त नहीं कि गयी थी।
वहीं, 2015 में प्रतिकार यात्रा के दौरान उपद्रव मामले में मंगलवार को पूर्व विधायक अजय राय कोर्ट में पेश हुए और उनका चार्ज बनाया गया। वहीं दूसरी ओर एक अन्य मामले में वर्ष 2015 में प्रतिकार यात्रा के दौरान उपद्रव करने के मामले में भी मंगलवार को पूर्व विधायक अजय राय कोर्ट में पेश हुए थे। जिसमें सुनवाई के लिए अगली तारीख 15 सितंबर नियत कर दी गयी।
The Review
Ajay Rai Case
वाराणसी में विधान सभा चुनाव के दौरान बिना अनुमति नामांकन जुलूस निकालने के मामले में पूर्व विधायक अजय राय के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय किया गया।
Discussion about this post