BNP News Desk। PFI Network नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसीने गुरुवार तड़के 3.30 बजे देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापा मारा। टेरर फंडिंग केस में हुई इस कार्रवाई में देश के 11 राज्यों से पीएफआई के करीब 106 कार्यकताओं को अरेस्ट किया गया है। क्या है PFI और कैसे करता है काम, आइए जानते हैं।
अतिवादी मुस्लिम संगठन पीएफआई पर एनआईए, ईडी और 13 राज्यों की पुलिस के छापों के बाद होम मिनिस्टर अमित शाह दिल्ली में मीटिंग कर रहे हैं। इस मीटिंग में वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों, एजेंसियों के अफसरों समेत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद हैं।
मीटिंग में इस बात पर चर्चा हो रही है कि पीएफआई और उससे जुड़े संगठन एसडीपीआई पर छापों के दौरान क्या सबूत मिले हैं और आगे इनके खिलाफ क्या ऐक्शन लिया जा सकता है। आईबी की ओर से दिए गए इनपुट और कड़ी जांच के आधार पर आज सुबह से ही देश भर में 13 राज्यों में रेड मारी गई हैं। इस दौरान पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत 106 लोगों ने एनआईए ने गिरफ्तार किया है।
नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने गुरुवार तड़के 3.30 बजे देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापा मारा। टेरर फंडिंग केस में हुई इस कार्रवाई में उत्तर प्रदेश के अलावा कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, बिहार, मध्यप्रेदश, पुडुचेरी और राजस्थान में संगठन से जुड़े करीब 106 लोगों को अरेस्ट किया गया है। PFI के कार्यकर्ता कई जगहों पर इस छापेमारी के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। क्या है PFI, कैसे बना और क्या हैं आरोप? आइए जानते हैं।
क्या है PFI
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक कट्टर इस्लामिक संगठन है। यह खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकार के लिए आवाज उठाने वाला बताता है, लेकिन देश के कई राज्यों में हुए दंगों में इस संगठन का कनेक्शन सामने आया है। पीएफआई को लेकर कहा जाता है कि इस संगठन का केरल मॉड्यूल आतंकी संगठन ISIS के लिए काम करता था। केरल से इसके कई मेंबरों ने सीरिया और इराक में ISIS को ज्वॉइन किया था।
कैसे बना PFI
पीएफआई की स्थापना 1993 में बने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट से ही हुई है। 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाने के बाद नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम से एक संगठन बना था। इसके बाद 2006 में नेशनल डेमाक्रेटिक फ्रंट का विलय पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) में हो गया। हालांकि, ऑफिशियल इस संगठन की शुरुआत 17 फरवरी, 2007 में हुई। यह संगठन केरल से ही संचालित होता है लेकिन पूरे देश में इसके लोग फैले हुए हैं।
सिमी पर बैन के बाद उभरा PFI
पीएफआई को स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेट ऑफ इंडिया यानी सिमी का ही विकल्प माना जाता है। 1977 में बने सिमी को 2006 में बैन कर दिया गया। उसके बाद मुसलमानों, आदिवासियों और दलितों के हक की बात करने के लिए इस संगठन की स्थापना हुई, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। ये एक कट्टर इस्लामिक संगठन है, जिसका नाम देशभर में हुए कई दंगों में सामने आ चुका है। इसकी संदिग्ध गतिविधियों के चलते कई बार इसे बैन करने की मांग उठ चुकी है।
क्या काम करता है PFI
रिपोर्ट्स के मुताबिक, PFI के इरादे बेहद खतरनाक हैं। इसके काम की बात करें तो यह संगठन सोशल सर्विस के नाम पर विदेशों से फंड इकट्ठा करना, चंदे की रकम से आतंकी मॉड्यूल तैयार करना, बाहर से हुई फंडिंग से भारत के खिलाफ प्रचार करना, स्कूल, कॉलेज और मदरसों से नए लड़कों की भर्ती करना, मुस्लिम बहुल इलाकों में लड़कों का ब्रेनवॉश करना, मार्शल आर्ट के जरिए नए लड़कों को आतंक की ट्रेनिंग, कुंगफू और कराटे सिखाकर आतंकियों को तैयार करना, कश्मीर मॉडल के तहत लड़कों को पत्थर चलाने की ट्रेनिंग देना, शांतिपूर्ण प्रदर्शन को हिंसात्मक बनाने का तरीका सिखाना जैसे काम करता है। इस संगठन ने भारत में अपने दो सौ से ज्यादा कैडर तैयार कर लिए हैं।
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पीएफआई को स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेट ऑफ इंडिया यानी सिमी का ही विकल्प माना जाता है। 1977 में बने सिमी को 2006 में बैन कर दिया गया।
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