BNP NEWS DESK। NEET-UG मेडिकल के स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) में हुईं गड़बड़ियों और पेपर लीक की सीबीआइ जांच कराने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए), सीबीआई, केंद्र व बिहार सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है।
NEET-UG शीर्ष अदालत ने कहा कि इस संदर्भ में एकतरफा फैसला नहीं किया जा सकता। इसके अलावा कोर्ट ने नीट के संबंध में विभिन्न हाई कोर्टों में लंबित याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित कर एक साथ सुनवाई करने की मांग वाली एनटीए की याचिका पर भी नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने सभी याचिकाओं को पहले से लंबित याचिकाओं के साथ संलग्न करते हुए आठ जुलाई को सुनवाई पर लगाने का निर्देश दिया। हालांकि कोर्ट ने शुक्रवार को भी काउंसलिंग पर रोक लगाने का आदेश नहीं दिया। NEET-UG
मामले में नोटिस जारी होने के बाद भी जब सीबीआइ जांच की मांग कर रहे याचिकाकर्ता छात्रों के वकील ने बहस जारी रखी तो सुनवाई कर रही जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि क्या आज ही सीबीआइ जांच का एकतरफा आदेश दिया जा सकता है? मामले में एनटीए का जवाब आने दीजिए, नोटिस जारी किया गया है। NEET-UG
24 लाख छात्रों के भविष्य का सवाल
NEET-UG वकील ने कहा कि उनकी कुछ और मांगें हैं जिन पर तत्काल राहत मिलनी चाहिए। जैसे एनटीए जुलाई में काउंसलिंग शुरू होने से पहले प्रत्येक छात्र का ब्योरा दे। यह 24 लाख छात्रों के भविष्य का सवाल है। इस पर पीठ ने कहा कि ये सारी बातें वे समझते हैं और उन्हें ये सब मालूम है। तभी एक वकील ने कहा कि कोटा में छात्र आत्महत्या कर रहे हैं जिस पर जस्टिस विक्रमनाथ ने कहा कि आप यहां बेवजह की भावनात्मक दलीलें न दें।
एनटीए ने नीट पास करने वाले और नीट में फेल हुए छात्रों की संख्या नहीं बताई
याचिकाकर्ता छात्रों की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि एनटीए ने तथ्यों को छिपाते हुए गुरुवार का आदेश हासिल किया है। एनटीए ने नीट पास करने वाले और नीट में फेल हुए छात्रों की संख्या नहीं बताई है। इसके बजाय नीट ने सभी 1,563 छात्रों की दोबारा परीक्षा कराने की बात कही है। NEET-UG
इस दलील पर कोर्ट ने कहा कि वह अपनी आपत्तियां दाखिल करें, उन पर विचार किया जाएगा। हालांकि कोर्ट ने साफ किया कि वह काउंसलिंग पर रोक नहीं लगाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में एनटीए की चार ट्रांसफर याचिकाओं समेत कुल सात याचिकाएं शुक्रवार को सुनवाई पर लगी थीं। बाकी की तीन याचिकाएं छात्रों की ओर से दाखिल की गई थीं जिनमें नीट यूजी में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया गया है। उनमें से एक याचिका हितेन सिंह कश्यप और पलक मित्तल की थी जिसमें नीट के दौरान परीक्षा केंद्रों में अनियमितता का मुद्दा उठाया गया है।
नए सिरे से परीक्षा कराने और काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग
याचिका में ओडिशा, कर्नाटक और झारखंड के छात्रों द्वारा गुजरात में गोधरा के केंद्र को चुने जाने पर भी संदेह और आशंका जताई गई है। याचिका में सीबीआइ जांच के अलावा नीट यूजी परीक्षा रद कर नए सिरे से परीक्षा कराने और काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग भी की गई है।
नीट-यूजी परीक्षा गत पांच मई को हुई थी, तभी से परीक्षा का पेपर लीक होने और गड़बड़ियों की बातें उठने लगी थीं। जगह-जगह छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी कई याचिकाएं लंबित हैं जिनमें नीट रद कर दोबारा परीक्षा कराए जाने की मांग की गई है। गुरुवार को एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि जिन 1,563 छात्रों को समय बर्बाद होने का कारण ग्रेस मार्क दिए गए है।
उनके ग्रेस मार्क्स रद कर दिए जाएंगे और उनकी 23 जून को दोबारा परीक्षा कराई जाएगी, जिसका रिजल्ट 30 जून को घोषित होगा। परीक्षा में शामिल होना वैकल्पिक होगा। नए सिरे से सबकी मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। NEET-UG
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एनटीए ने उन तीन याचिकाओं को वापस लेने की मांग की जिनमें उन याचिकाओं को हाई कोर्टों से सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने की मांग की गई थी जो 1,563 अभ्यर्थियों को समय की बर्बादी के कारण ग्रेस मार्क्स दिए जाने से जुड़ी थीं। एनटीए ने कहा कि वह हाई कोर्टों को सूचित करेगी कि यह मामला निपट गया है और 1,563 छात्रों के ग्रेस मार्क्स रद करने का फैसला लिया जा चुका है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को इसकी इजाजत दे दी।
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मेडिकल के स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) में हुईं गड़बड़ियों और पेपर लीक की सीबीआइ जांच कराने की मांग
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