बीएनपी न्यूज डेस्क। Indian Army Agniveer Recruitment 2022: भारतीय थल सेना में अग्निवीर पदों पर भर्तियों के लिए आवेदन की प्रक्रिया जारी है। अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट joinindianarmy.nic.in के जरिए 3 अगस्त 2022 तक आवेदन कर सकते हैं। भारतीय सेना ने राज्यवार भर्ती रैली की तिथियां भी घोषित कर दी हैं। अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी रैली तिथियां चेक कर सकते हैं।
जारी नोटिफिकेशन के अनुसार अग्निवीर जनरल ड्यूटी, अग्निवीर टेक्निकल, अग्निवीर क्लर्क, अग्निवीर ट्रेड्समैन (10वीं), अग्निवीर ट्रेड्समैन (8वीं) के पदों पर भर्ती की जाएगी।
यह मांगी गई है योग्यता
अग्निवीर टेक्निकल और अग्निवीर क्लर्क पदों के लिए अभ्यर्थी का किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास होना अनिवार्य है। वहीं अग्निवीर ट्रेड्समैन (10वीं) पद के लिए अभ्यर्थी का 10वीं पास और अग्निवीर ट्रेड्समैन (8वीं) पद के लिए 8वीं पास होना अनिवार्य हैं।
यह निर्धारित की गई है उम्र सीमा
इन विभिन्न पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी की अधिकतम उम्र 23 वर्ष होनी चाहिए।अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी जारी नोटिफिकेशन को चेक कर सकते हैं।
इन चरणों में होगा अग्निवीरों का चयन
अग्निवीर पदों पर अभ्यर्थियों का चयन भर्ती रैली, मेडिकल टेस्ट और लिखित परीक्षा के जरिए किया जाएगा। अभी लिखित परीक्षा की तिथि नहीं घोषित की गई है।
यह भर्ती रैली का शेड्यूल
यूपी
बरेली – 19 अगस्त 2022 से 15 सितंबर 2022
मेरठ – 20 सितंबर 2022 से 10 अक्टूबर 2022
आगरा – 20 सितंबर 2022 से 10 अक्टूबर 2022
लखनऊ – 22 अक्टूबर 2022 से 10 नवंबर 2022
फैजाबाद – 16 नवंबर 2022 से 6 दिसंबर 2022
वाराणसी – 16 नवंबर 2022 से 10 दिसंबर 2022
राजस्थान
जयपुर जोन – 29 सितंबर 2022 से 14 अक्टूबर 2022
अलवर – 10 सितंबर 2022 से 14 सितंबर 2022
जोधपुर – 28 नवंबर 2022 से 12 दिसंबर 2022
कोटा – 1 नवंबर 2022 से 14 नवंबर 2022
झुंझुन – 13 अगस्त 2022 से 6 सितंबर 2022
मध्य प्रदेश
15 सितंबर 2022 से 25 सितंबर 2022 तक
[7:56 PM, 7/8/2022] Saurabh: Inflation : दावा- अगले साल पूरी दुनिया में आ सकती है मंदी, कच्चा तेल हो सकता है 45 डॉलर प्रति बैरल
अर्थव्यवस्थाओं के लिए मंदी का जोखिम अप्रैल के बाद काफी गहरा हो गया
बीएनपी न्यूज डेस्क। अगले साल पूरी दुनिया में मंदी आने की आशंका है। रसेल इन्वेस्टमेंट फिक्स्ड इनकम के सर्वे में शामिल एक तिहाई लोगों ने कहा कि अगले साल तक मंदी आ सकती है। 27 फीसदी का मानना है कि 2024 में पूरी दुनिया मंदी का सामना कर सकती है। सर्वे में शामिल 28 फीसदी लोगों ने कहा, 2024 के बाद ही ऐसा संभव है। दो तिहाई फंड मैनेजरों का मानना है कि अमेरिका की प्रमुख महंगाई दर 3.4-5% अगले एक साल में रह सकती है, जो यहां के केंद्रीय बैंक के 2 फीसदी के दायरे से काफी ज्यादा है। रसेल इन्वेस्टमेंट में फिस्क्ड इनकम के प्रमुख जेरार्ड फिट्जपैट्रिक ने कहा, मंदी का खतरा है, लेकिन समय को लेकर अलग-अलग राय है।
आईएमएफ ने भी जताई आशंका
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि अगले साल संभावित वैश्विक मंदी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। दुनिया की सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए मंदी का जोखिम अप्रैल के बाद काफी गहरा हो गया है। आने वाले हफ्तों में आईएमएफ दुनिया की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के 3.6 फीसदी के अनुमान को तीसरी बार बदलकर और नीचे ला सकता है।
58 फीसदी ने माना ऊंची महंगाई और कमजोर वृद्धि
सर्वे में 58 फीसदी लोगों ने कहा कि उनकी चिंता ऊंची महंगाई और कमजोर वृद्धि दर को लेकर है। हाल के हफ्तों में जोखिम भी बढ़ गए हैं। इसके लिए बॉन्ड निवेशक तेज मंदी के लिए तैयारी कर रहे हैं। उधर, पिछले दो दिनों से कच्चे तेल की कीमतों में तेज बढ़त आई है और यह 100 डॉलर के पार चली गई है।
65 डॉलर तक जा सकता है कच्चा तेल का भाव
मंदी की आशंका के बीच कच्चे तेल के भाव में हाल के समय में भारी गिरावट आई है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म सिटी ने दावा किया है कि इस साल के अंत तक कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकती हैं। सिटी का दावा है कि कच्चे तेल की कीमतें अगले साल भी गिर सकती हैं। 2023 के अंत में यह 45 डॉलर तक जा सकती हैं।
रुपये में गिरावट थामने को विदेशी मुद्रा लाने के नियमों में दी ढील
रुपये में गिरावट को थामने के लिए आरबीआई ने बॉन्ड बाजार में विदेशी निवेश और बैंकों के विदेशी मुद्रा में कर्ज के प्रावधानों में ढील देने को लेकर बृहस्पतिवार को अधिसूचना जारी की। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा, केंद्रीय बैंक की ओर से उठाए गए कदमों से विदेशी संस्थागत निवेशकों का प्रवाह बढ़ेगा। इससे डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होगा। रुपया पिछले कुछ महीनों में 4.1% टूट चुका है। एजेंसी
उठाए गए हैं ये कदम
स्वचालित मार्ग से ईसीबी सीमा को 75 करोड़ डॉलर से बढ़ाकर 1.5 अरब डॉलर किया गया।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को 7 एवं 14 वर्ष की सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की छूट।
बैंकों को एनआरई जमाओं पर सीआरआर और एसएलआर से जुड़े प्रावधानों में छूट।
बैंक विदेशी मुद्रा में लिए कर्ज से जुटाए धन का उपयोग भारत में विदेशी मुद्रा उधार देने में कर सकते हैं।
महंगाई से 7.10 करोड़ लोग गरीबी की जद में
विश्व के 7.10 करोड़ लोग महंगाई की वजह से गरीबी की जद में आ गए हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने अपनी रिपोर्ट में रूस-यूक्रेन युद्ध को इसका कारण बताया। रिपोर्ट के अनुसार, 1.90 डॉलर (150 रुपये) प्रतिदिन पर जीवन यापन कर रहे 5.16 करोड़ लोग युद्ध के पहले तीन महीने में ही गरीब हो गए।
इन्हें मिलाकर विश्व की कुल 9% आबादी गरीब हो चुकी है। 3.20 डॉलर (253 रुपये) प्रतिदिन से कम पर जीवनयापन करने वालों की संख्या भी 2 करोड़ बढ़ गई है। कम आय वर्ग के परिवार अपनी कमाई का 42 प्रतिशत खाद्य वस्तुओं पर खर्च करते हैं। इनके दाम बढ़ने से गरीबी तेजी से बढ़ती है।
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