बीएनपी न्यूज डेस्क। Digital Forensic Research and Analytics Centre बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद पाकिस्तान जैसा देश, भारत को बदनाम करने की साजिश रच रहा है। सोशल मीडिया पर पाकिस्तान से गवर्न होने वाले कई ट्वीटर हैंडल सक्रिय होकर पैंगबर मुद्दे को तूल देते हुए अफवाह फैला रहे हैं। डिजिटल फोरेंसिक रिसर्च एंड एनालिटिक्स सेंटर (DFRAC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, संबंधित हैशटैग का उपयोग करके ट्वीट पोस्ट करने वालों में से अधिकांश पाकिस्तान से हैं।
60 हजार से अधिक यूजर केवल बदनाम करने में जुटे
पाकिस्तान समर्थित करीब 60 हजार से अधिक यूजर्स गैर सत्यापित हैं और वह पैगंबर के मुद्दे पर हैशटैग के साथ अफवाह फैलाने वाले ट्वीट कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि साठ हजार से अधिक गैर सत्यापित यूजर्स विभिन्न देशों से अकाउंट बनाए हैं और सभी एकसमान हैशटैग पर बातचीत कर रहे हैं। इसमें अकेले पाकिस्तान के 7100 से अधिक अकाउंट हैं।
कई मीडिया घरानों ने भी चलाई गलत खबरें
DFRAC के अनुसार, पाकिस्तानी आर्य समाचार सहित कई मीडिया घरानों ने भ्रामक और गलत खबरें चलाई थीं। एक फर्जी खबर यह फैलाई गई जिसमें कहा गया था कि ओमान के ग्रैंड मुफ्ती ने भारतीय उत्पादों के बहिष्कार की घोषणा की है। इसी तरह, पाकिस्तान के पूर्व राजदूत अब्दुल ने यह कहते हुए गलत दावा किया कि निष्कासित भाजपा नेता नवीन जिंदल औद्योगिक जिंदल के भाई हैं। इसके अलावा, इंग्लिश क्रिकेटर मोइन अली के नाम से एक नकली स्क्रीनशॉट, जिसमें वह आईपीएल का बहिष्कार करने की बात कर रहा है, भी वायरल हुआ।
इन हैशटैग्स का भी खूब हुआ उपयोग
#Stopinsulting_ProphetMuhammad, #boycottindianproduct ट्विटर पर सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले हैशटैग में से कुछ थे। खालिद बेदौन, मोइनुद्दीन इब्न नसरुल्ला और अली सोहराब जैसे नफरत फैलाने वालों को नफरत और सांप्रदायिकता फैलाने का एक और मौका मिला है। Beydoun ने हैशटैग #BoycottIndianProduct के साथ ट्वीट भी किए और कश्मीर मुद्दे को घसीटा। इंडोनेशिया, सऊदी अरब, यूएई, जॉर्डन, बहरीन, मालदीव, ओमान, अफगानिस्तान, कुवैत, कतर और ईरान सहित कई देशों ने पैगंबर मोहम्मद पर शर्मा की टिप्पणी की कड़ी निंदा की है, जबकि ईरान और कतर ने बयान जारी किया है कि वे संतुष्ट हैं। डीएफआरएसी ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने वाले नेता के खिलाफ भारत सरकार की कार्रवाई के साथ सभी देश हैं।
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