बीएनपी न्यूज डेस्क। विधानसभा चुनाव-2022 की घोषणा के बाद से ही नित नए राजनातिक समीकरण सामने आते रहे। जब चुनाव परिणाम आए तो पूर्वांचल में भाजपा गठबंधन को झटका भी लगा। 2017 के विस चुनाव में भाजपा गठबंधन को दस जिलों की 61 में से 41 सीटों पर विजयश्री मिली थी जबकि 2022 में पार्टी 29 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। इसके बावजूद योगी सरकार-2.0 में पूर्वांचल को निराश नहीं होना पड़ा। 2017 में यहां से 10 मंत्री बने थे। इस बार भी मंत्रिमंडल में यह संख्या बरकरार है। इनमें छह चेहरे ऐसे हैैं जो पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैैं।
वाराणसी से अनिल राजभर और रवींद्र जायसवाल को एक बार फिर क्रमश: कैबिनेट और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है। जौनपुर सदर से विधायक गिरीश चंद्र यादव को भी दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका मिला है। सोनभद्र के ओबरा से विधायक व एकमात्र आदिवासी विधायक संजीव गोंड को भी सरकार में दोबारा मौका मिला है। बलिया नगर से जीते भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर ङ्क्षसह को पहली बार मंत्री बनने का मौका मिला है। दयाशंकर पूर्व मंत्री स्वाती सिंह के पति हैं।
इसके अलावा इस बार मीरजापुर के ओड़ी गांव के मूल निवासी स्वतंत्रदेव सिंह, यहीं से राजनीति में सक्रिय अपना दल (एस) के एमएलसी व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल, मऊ के मूल निवासी एमएलसी व पूर्व आइएएस अरङ्क्षवद कुमार शर्मा, बलिया निवासी व भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के दानिश आजाद अंसारी को मंत्री बनाया गया है। वाराणसी से डा. दयाशंकर मिश्र दयालु को भी मंत्री बनाया गया है। वह किसी भी सदन के सदस्य तो नहीं हैं लेकिन पूर्वांचल विकास बोर्ड के अध्यक्ष हैं।
सर्वाधिक चार पिछड़ा वर्ग से मंत्री
पूर्वांचल के जिन 10 लोगों को मंत्री बनाया गया है इसमें चार पिछड़ी जाति से हैं। ये हैं स्वतंत्रदेव सिंह, अनिल राजभर, गिरीश यादव और अशीष पटेल। इसी प्रकार अरविंद कुमार शर्मा, दयाशंकर सिंह व डा.दयाशंकर मिश्र दयालु को मंत्रिमंडल में शामिल कर सामाजिक समीकरण भी साधने का प्रयास किया गया है। बलिया से जुड़े अल्पसंख्यक युवा दानिश आजाद अंसारी के साथ ही एक आदिवासी समुदाय से जुड़े संजीव गोंड व वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रवींद्र जायसवाल को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
नीलकंठ व रमाशंकर को मौका नहीं
योगी सरकार में धर्माथ कार्य मंत्री रहे डा. नीलकंठ तिवारी व उर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर पटेल अपनी-अपनी सीट जीत गए। इसके बावजूद दोनों को योगी सरकार 2.0 में मौका नहीं मिला। पिछली सरकार में मंत्री रहे आनंद स्वरूप शुक्ल बलिया की बैरिया, उपेंद्र तिवारी बलिया के फेफना सीट और संगीता बलंवत गाजीपुर सदर से चुनाव ही हार गए।
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