बीएनपी न्यूज डेस्क। ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुमान को 9 फीसदी किया है। कोरोना काल में दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्थाओं को तगड़ा झटका लगा था, हालांकि टीकाकरण में तेजी और संक्रमण के मामले घटने के बाद प्रतिबंध हटाए गए और आर्थिक गतिविधियां फिर से पटरी पर लौटने लगीं। इसी का असर है कि इकोनोमी फिर से आगे की ओर अग्रसर है।
नौकरियों की स्थिति में होगा सुधार
क्रेडिट सुइस के एशिया प्रशांत के लिए इक्विटी रणनीति मामलों के सह-प्रमुख नीलकंठ मिश्रा की मानें तो जीडीपी पूर्वानुमान में वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि आर्थिक पुनरुद्धार की गति सही दिशा में है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सकारात्मक गतिविधियां जारी रहने की संभावना दिख रही है। अगले तीन से छह महीनों में कम आय वाली अधिकतर नौकरियों की स्थिति भी ठीक हो सकती है।
वर्तमान में जीडीपी का ये है हाल
हाल ही में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की जीडीपी के आंकड़े को देखें तो जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी -7.4 फीसदी से बढ़कर अब 8.4 फीसदी हो गई है। आरबीआई ने रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा है।
देश की अर्थव्यवस्था में तेज सुधार
भारतीय अर्थव्यवस्था की बात करें तो इसमें तेजी से सुधार हो रहा है। तमाम रेटिंग एजेंसियों के अनुमान इसकी गवाही दे रहे हैं। हाल ही में स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस ने भी अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 9 फीसदी की दर से आगे बढ़ने का अनुमान जताया है।
आर्थिक गतिविधियां सकारात्मक रहेंगी
क्रेडिट सुइस ने कहा है कि भारत में आर्थिक गतिविधियां सकारात्मक रहेंगी और अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 9 प्रतिशत रहने की संभावना है। ब्रोकरेज कंपनी का चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर लगभग 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि अन्य रेटिंग एजेंसियों द्वारा पूर्व में जताए गए औसत अनुमान 8.4 से 9.5 प्रतिशत से कहीं अधिक है।
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