BNP NEWS DESK। GI Tag काशी के शिल्पिओ ने तैयार किया नये संसद संकुल का 3D मॉडल और बनारसी अंगवस्त्र पर ज़रदोज़ी से उकेरा संसद भवन की आकृति।
मॉडल और अंगवस्त्र नई दिल्ली रवाना
आने वाले समय मे सबसे शानदार मोमेंटो साबित होगा, विभिन्न राष्ट्राध्यक्षो को भेंट किया जा सकता है आने वाले समय में ।
काशी के वुड क्राफ्ट शिल्पिओ को रोजगार का नया अवसर मिला , अभी से आर्डर मिलना सुरु हो गया।
पद्मश्री डॉ सम्मानित जीआई विशेषज्ञ डॉक्टर रजनीकांत ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत लोकल तो ग्लोबल की संकल्पना पर तैयार काशी का जी आई क्राफ्ट ,भारत की बौद्धिक संपदा में शुमार है और गर्व के साथ ही तैयार कर भारत सरकार को भेज दिया गया और आने वाले कुछ ही दिनों में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगा, बनारस के शिल्प के रूप में ।
डॉ रजनीकांत ने कहा कि जैसे विश्व में अत्यंत कम समय मे भारत के नये संसद भवन संकुल को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन और नेतृत्व में तैयार किया गया,उसी तरह काशी के लकड़ी खिलोना शिल्पकार, खोजवा, कश्मीरीगंज निवासी नेशनल मेरिट अवार्डी रामेश्वर सिंह और स्टेट अवार्डी राजकुमार सिंह के मार्गदर्शन और तकनीकी सहयोग से शिल्पी अनिता, शालिनी , दिव्या , संजय प्रजापति, संजय चौरसिया सत्यम कुमार , सनोज कुमार , अजय प्रताप सिंह, मोनिका देवी, मीना पाल ने अथक परिश्रम कर 26×16×6 इंच साइज में 15 पीस तैयार किया है।
इसी प्रकार बनारसी वस्त्र पर लल्लापुरा, सिगरा निवासी ज़रदोज सादाब आलम के साथ महिला शिल्पिओ ने 22 स 72 इंच का जरदोजी से बनाया गया नया और पुराना दोनो संसद भवन की आकृति को 10 इंच की साइज में उकेरा गया, और अंग्रेजी ,हिंदी में संसद संकुल लिखा है है,जिसे दिल्ली भेजा जा चुका है।
जिस प्रकार काशी विश्वनाथ धाम, श्री राम मंदिर ,अयोध्या, महाकाल संकुल उज्जैन के मॉडल काशी के शिल्पिओ द्वारा बना कर सबके लिए उपलब्ध है और तेजी से मांग बढ़ रही है और रोजगार के नए अवसर जी आई क्राफ्ट में मिल रहे है, आर्थिक विकास कर रहे हैं उसी तरह आने वाले कुछ ही दिनों में यह आम लोगो के लिए सुलभ होगा और लोग गर्व के साथ अपने घर की शोभा बढ़ाएंगे, स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट करेंगे ।
हमे विश्वास है कि बनारस के जी आई शिल्पी मेटल, गुलाबी मीनाकारी, वाल हैंगिंग, स्टोन क्राफ्ट, टेराकोटा ,ब्रोकेड वीविंग, हैंडब्लॉक प्रिंट, जरदोजी, में भी नए संसद भवन का मॉडल तैयार कर स्मृति चिन्ह के रूप में उपलब्ध कराएंगे जिससे देश विदेश में इसे भेजा जाएगा।
ज़रदोज़ी शिल्पकार सादाब आलम और चांदपुर लोहता की महिला शिल्पियों ने रेशम के धागे, ज़री, का प्रयोग करते हैं यह अंगवस्त्र तैयार किया है।
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काशी के शिल्पिओ ने तैयार किया नये संसद संकुल का 3D मॉडल और बनारसी अंगवस्त्र पर ज़रदोज़ी से उकेरा संसद भवन की आकृति।
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