Bnp news desk। PM Gatishakti पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) पर दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला के दूसरे और अंतिम दिन केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में विशेष सचिव सुमिता डावरा ने बुधवार को कहा कि राज्य रियायती शर्तों पर आसान वित्तीय पहुंच की सुविधा के लिए लॉजिस्टिक्स को ‘उद्योग’ का दर्जा देने पर विचार कर सकते हैं।
PM Gatishakti कार्यशाला के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, ओडिशा, बिहार और पश्चिम बंगाल ने राज्य लॉजिस्टिक्स नीतियों (एसएलपी) पर प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर सुश्री सुमिता डावरा ने राज्यों से अपील की कि वे पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों पर जागरूकता पैदा करने और एक कुशल लाॅजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र के लिये बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अंतर-विभागीय बैठकें आयोजित करें। इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स सिस्टम दोनों के लिए जरूरी हस्तक्षेपों को समझने के लिए निवेशकों और क्षेत्रीय व्यापार संघों के साथ बातचीत करें।
उन्होने कहा कि राज्य रियायती शर्तों पर आसान वित्तीय पहुंच की सुविधा के लिए लॉजिस्टिक्स को ‘उद्योग’ का दर्जा देने पर विचार कर सकते हैं। राज्य कुशल माल प्रवाह प्रबंधन के लिए शहर रसद समितियों की स्थापना करें और शहर रसद योजनाओं का विकास करें। लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिए कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए, जिसमें मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित हस्तक्षेप करने के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की विधिवत पहचान की जाए।
विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में लाॅजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला को शामिल
PM Gatishakti विशेष सचिव ने कहा कि लॉजिस्टिक्स में मानव संसाधन विकास, कौशल और क्षमता निर्माण के लिये विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में लाॅजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला को शामिल किया जाये। गोदामों, एकीकृत जांच चौकियों, भूमि कस्टम स्टेशनों, तापमान नियंत्रित सुविधाओं के विकास को सुगम बनाने के लिए विनिर्माण क्लस्टरों के साथ एकीकृत लॉजिस्टिक्स पार्कों का विकास किया जाये। आर्थिक केंद्रों को विकसित करने के लिए क्लस्टर आधारित क्षेत्र नजरिया और अंतर्देशीय जलमार्ग कनेक्टिविटी का लाभ उठाकर आर्थिक गलियारों को मजबूत किया जा सकता है। अगले 10-15 वर्षों के लिए लाॅजिस्टिक्स दक्षता के लिए मांग आधारित दृष्टिकोण रखने के लिए माल प्रवाह की मैपिंग की जाये।
PM Gatishakti उन्होने कहा कि लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ावा देने के समाधान के लिए स्टार्ट-अप्स को शामिल करना चाहिये। लॉजिस्टिक इको सिस्टम की योजना बनाते समय प्रौद्योगिकी और हरित पहल का उपयोग करें जिसमें नए भारत के लिए बुनियादी ढांचे के विकास की योजना बनाना और एक कुशल लॉजिस्टिक इकोसिस्टम विकसित करना शामिल होगा।
डीपीआईआईटी में सचिव श्री अनुराग जैन ने कार्यशाला के दूसरे दिन बुधवार को उद्घाटन सत्र में बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक क्षेत्र के निर्णय लेने के लिए एकीकृत योजना के लिए राज्यों के प्रयासों की सराहना की और राज्य लाजिस्टिक नीतियों (एसएलपी) को सामने लाने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने पीएम गतिशक्ति को जिला और ग्राम पंचायत स्तर तक ले जाने का आग्रह किया। उन्होंने एनएमपी/एसएमपी पर सटीक योजना के लिए डेटा गुणवत्ता और प्रामाणिकता के महत्व पर प्रकाश डाला।
दो दिवसीय कार्यशाला में केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 120 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला के पहले दिन की थीम पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) थी जबकि दूसरे दिन की थीम राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति (एनएलपी) थी।
करीब एक लाख 48 हजार रोजगार सृजन की उम्मीद
उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स पॉलिसी 2022 में राज्य के बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स क्षमता पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें आठ अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे, भारत का पहला अंतर्देशीय जलमार्ग (एनडब्लू1) और 20 जिलों से होकर गुजरने वाला 1100 किमी का डीएफसी ट्रैक शामिल है। यह नीति निवेश के अवसरों और मापदंडों, राजकोषीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहनों और फास्ट ट्रैक भूमि आवंटन को भी रेखांकित करती है।
जिससे लाजिस्टिक क्षेत्र में करीब एक लाख 48 हजार रोजगार सृजन की उम्मीद है। यूपी ने राज्य के प्रत्येक औद्योगिक पार्क और अंचल में रसद क्षेत्र के लिए भूमि चिन्हित करने का निर्णय लिया है।
आगामी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान और राज्य मास्टर प्लान (एनएमपी/एसएमपी) का उपयोग करें
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स् नीति (एनएलपी) का लक्ष्य 2030 तक वैश्विक बेंचमार्क के बराबर होने के लिए भारत में लाॅजिस्टिक्स की लागत को कम करना, लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स रैंकिंग में सुधार कर 2030 तक शीर्ष 25 देशों में शामिल होने का प्रयास करना है। इसके अलावा एक कुशल लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम के लिए डेटा संचालित निर्णय समर्थन तंत्र तैयार करना है।
कार्यशाला के पहले दिन मंगलवार को सुश्री सुमिता डावरा ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से अपील करते हुये कहा था कि सभी आगामी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान और राज्य मास्टर प्लान (एनएमपी/एसएमपी) का उपयोग करें। एसएमपी पर मैप की गई डेटा लेयर्स पर डेटा मैपिंग और डेटा की प्रामाणिकता में सुधार की जरूरत है।
उपयुक्त अवसंरचना और लाजिस्टिक विकास के जरिये आर्थिक केंद्रों के विकास पर ध्यान देना चाहये। इसके अलावा महत्वपूर्ण अवसंरचना अंतरालों की पहचान करना और सुनिश्चित करना कि उन्हें कनेक्टिविटी परियोजनाओं के लिए लिया गया है। जियो-टैग डेटा के विकास के लिए स्थानीय रिमोट सेंसिंग एजेंसियों/अंतरिक्ष एजेंसियों का लाभ उठाएं। ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस दोनों को सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एरिया एप्रोच को प्राथमिकता दी जाएगी।
सहकारी संघवाद की भावना में ये कार्यशालाएं राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान और राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति को व्यापक रूप से अपनाने की सुविधा प्रदान कर रही हैं।
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