BNP NEWS DESK। Gyanvapi-Shringar Gauri Case वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में राखी सिंह के अलावा अन्य चार वादिनियों वादिनियों की ओर से ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग की गई है। इस बाबत वाराणसी के जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है। उसमें मांग की गई है ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग व जाए। कार्बन डेटिंग से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विशेषज्ञ यह पता लगा सकेंगे कि शिवलिंग कितना पुराना है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तिथि तय की गई है।
वहीं इसे लेकर वादी पक्ष में भी मतभेद हो गया है। मां श्रृंगार गौरी की एक अन्य वादिनी राखी सिंह इसे लेकर सहमत नहीं हैं। उनके पैरोकार और विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने का कहना है कि मैं किसी भी कीमत पर आदि विशेश्वर ज्योतिर्लिंग की कार्बन डेटिंग नहीं होने दूंगा। इसके लिए अदालत में प्रार्थना दिया जाएगा। इसकी तैयारी की जा रही है। उनका कहना है कि यह निर्णय सोच-समक्षकर नहीं लिया गया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विशेषज्ञों के जांच जरिए शिवलिंग की आयु व उसकी विशेषता की जानकारी हो जाएगी : विष्णु जैन
Gyanvapi-Shringar Gauri Case किसी विशेषज्ञ से भी इस बारे में कोई बात नहीं की गई है। यह मुख्य केस का हिस्सा भी नहीं है। कार्बन डेटिंग की मांग करने का ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगाना है। यह कतई उचित नहीं है। भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग की तिथि निर्धारित करना भला कहां से उचित है। यह सब कुछ सिंह लाइमलाइट में रहने के लिए किया जा रहा है। वहीं शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग करने वाली चार वादिनियों के वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विशेषज्ञों के जांच जरिए शिवलिंग की आयु व उसकी विशेषता की जानकारी हो जाएगी। इसके बाद तो मंदिर-मस्जिद का विवाद ही खत्म हो जाएगा। वहीं अंजुमन इंतेजामिया ने इस प्रार्थना पत्र पर आपत्ति के लिए अदालत से समय मांगा है।
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Gyanvapi-Shringar Gauri Case
कार्बन डेटिंग से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विशेषज्ञ यह पता लगा सकेंगे कि शिवलिंग कितना पुराना है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तिथि तय की गई है।
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