बीएनपी न्यूज डेस्क। nancy pelosi taiwan visit ताइवान यात्रा समाप्त करने के बाद अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी दक्षिण कोरिया के लिए रवाना हो गई हैं। बता दें कि पेलोसी मंगलवार देर रात ताइवान पहुंची थीं। पेलोसी के पहुंचते ही चीन आगबबूला हो गया और ताइवान पर कई प्रतिबंध लगा दिए। इतना ही नहीं चीनी सेना ने 21 सैन्य विमानों से ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में उड़ान भरकर अपनी ताकत दिखाई।
नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर अब पाकिस्तान ने बड़ा बयान दिया है। पाकिस्तान ने कहा कि पेलोसी की इस यात्रा से क्षेत्रीय शांति पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
ताइवान की रक्षा के लिए अमेरिका उसे सैन्य उपकरण बेचता है, जिसमें ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर भी शामिल हैं। ओबामा प्रशासन ने 6.4 अरब डॉलर के हथियारों के सौदे के तहत 2010 में ताइवान को 60 ब्लैक हॉक्स बेचने की मंजूरी दी थी। इसके जवाब में, चीन ने अमेरिका के साथ कुछ सैन्य संबंधों को अस्थायी रूप से तोड़ दिया था। अमेरिका के साथ ताइवान के बीच टकराव 1996 से चला आ रहा है। चीन ताइवान के मुद्दे पर किसी तरह का विदेशी दखल नहीं चाहता है। उसकी कोशिश रहती है कि कोई भी देश ऐसा कुछ नहीं करे जिससे ताइवान को अलग पहचान मिले। यही, वहज है अमेरिकी संसद की स्पीकर के दौरे से चीन भड़क गया है।
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी चीन के विरोध के बावजूद nancy pelosi taiwan visit मंगलवार को ताइवान की राजधानी ताईपेई पहुंच गईं थीं। 25 साल बाद ये पहली बार था, जब अमेरिकी स्पीकर ताइवान के दौरे पर थीं। इससे पहले 1997 में उस समय के स्पीकर न्यूट गिंगरिक यहां पहुंचे थे। पेलोसी के दौरे से बौखलाए चीन ने तमाम एलान कर डाले। ताइवान और अमेरिका को डराने की हर कोशिश की।
चीन-ताइवान के बीच विवाद क्या है
ताइवान दक्षिण पूर्वी चीन के तट से करीब 100 मील दूर स्थिति एक द्वीप है। ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है। उसका अपना संविधान है। ताइवान में लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार है। वहीं चीन की कम्युनिस्ट सरकार ताइवान को अपने देश का हिस्सा बताती है। चीन इस द्वीप को फिर से अपने नियंत्रण में लेना चाहता है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताइवान और चीन के पुन: एकीकरण की जोरदार वकालत करते हैं। ऐतिहासिक रूप से से देखें तो ताइवान कभी चीन का ही हिस्सा था।
दुनिया के लिए अहम क्यों है ताइवान?
फोन, लैपटॉप, घड़ी से लेकर कार तक में लगने वाले ज्यादातर चिप ताइवान में बनते हैं। ताइवान की वन मेजर कंपनी दुनिया के आधे से अधिक चिप का उत्पादन करती है। इसी वजह से ताइवान की अर्थव्यस्था दुनिया के लिए काफी मायने रखती है। अगर ताइवान पर चीन का कब्जा होता है तो दुनिया के लिए बेहद अहम इस उद्योग पर चीन का नियंत्रण हो जाएगा। इसके बाद उसकी मनमानी और बढ़ सकती है।
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ताइवान यात्रा समाप्त करने के बाद अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी दक्षिण कोरिया के लिए रवाना हो गई हैं।
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