बीएनपी न्यूज डेस्क। शनिवार को अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय यानी सिख और हिंदुओं के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। ये वो लोग हैं, जो तालिबान के सत्ता में आने के बाद प्रताड़ित किए जा रहे थे। पीएम से बातचीत में उनका दर्द छलक पड़ा। इन लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून के लिए मोदी के साहस को सराहा। प्रतिनिधिमंडल ने अफगान के अल्पसंख्यकों को भारत में शरण देने के लिए मोदी का आभार माना।
प्रतिनिधिमंडल ने मोदी का स्वागत ‘वाहेगुरु जी की खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह’ के उद्घोष के साथ किया। बता दें कि यह जयकारा सिख मान्यता को व्यक्त करता है कि सभी जीत भगवान, वाहेगुरु की है। ‘वाहेगुरु जी की खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह’ (खालसा भगवान की है और भगवान की है जीत की है, गुरु की खाल की जय हो! गुरु की जीत की जय हो)।’ प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक सिख ने भावुक होकर कहा-”मैं तो कहता हूं कि आप हिंदुस्तान के नहीं; पूरी दुनिया के प्रधानमंत्री हैं, जहां-जहां हिंदुस्तानी सिख-हिंदू रहता हो, उनका दर्द आप ही समझ सकते हो और कोई नहीं समझ सकता। जहां भी समस्या होती है, मैं देखता हूं कि आप सबसे पहले आगे आते हैं।” एक प्रतिनिधि ने कहा-”मेरी आंखों में आंसू आ गए। जब आपने बोला कि हरदीप पुरी जी और मनजिंदर सिंह सिरसा( शिरोमणि अकाली दल (बादल) के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के निवर्तमान अध्यक्ष) से कहा कि आप लोग हमारी तरफ से जाकर श्री गुरुग्रंथ साहिब को बड़े अदब और सत्कार से लाओ। हमारे लिए वो जिंदगी है, हमारे लिए बड़ी जान है, आपने हमारे लिए बहुत बड़ा काम किया है।”
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा-”गुरुग्रंथ साहिब का स्वरूप हमारे लिए भी उतना ही श्रद्धेय है, जितना कि आपके लिए। इसलिए हमारे मंत्रीजी(हरदीप पुरी) बहुत जल्दी सुबह पहुंचे। सम्मान पूर्व अपने सिर पर उठाकर उसे ले आए। उसको सही स्थान पर पुनर्स्थापित करना, क्योंकि वो एक महान परंपरा है, महान विरासत है।”
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