BNP NEWS DESK। Indian Navy Day हर साल भारत के लोग 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस के रूप में मनाते हैं। 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग के दौरान 4 दिसंबर नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट शुरू किया था। इसे भारतीय नौसेना के इतिहास में सबसे बड़ा सफल हमला माना जाता है। ऑपरेशन ट्राइडेंट ने पाकिस्तानी नौसेना को तबाह कर दिया था।
1960 के दशक से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के बादल मंडरा रहे थे। उस समय भारतीय नौसेना ने सोवियत संघ से ओसा-I मिसाइल बोट खरीदा था। ये बोट स्टाइक्स मिसाइलों से लैस थे। इनकी मदद से दुश्मन के युद्धपोत और सैन्य अड्डों को तबाह किया जा सकता था। बोट में शक्तिशाली होमिंग राडार लगा था। इन मिसाइल बोटों को समुद्र में तेजी से हमला करने के लिए बनाया गया था।
कम था मिसाइल बोट का रेंज
रूस ने मिसाइल बोट ओसा-I को अपने समुद्री तट की सुरक्षा को ध्यान में रखकर विकसित किया था। छोटे आकार के चलते बोट का रेंज कम था। इसके बाद भी भारतीय नौसेना ने आठ मिसाइल बोट खरीदे और एक स्क्वाड्रन का गठन किया। नेवी ने अपने जवानों को बोट ऑपरेट करने की ट्रेनिंग लेने के लिए रूस भेजा था।
इन जवानों ने साइबेरिया की सर्दी में आठ महीने तक ट्रेनिंग ली थी। ओसा-I को भारत लाया गया तब इतने भारी बोट को बड़े कंटेनर जहाज से उतारने की सुविधा सिर्फ कोलकाता के पोर्ट में थी। उस समय मुंबई में इतना भारी क्रेन नहीं था। ओसा-I बोट को कोलकाता में उतारा गया और नौसेना के दूसरे जहाज द्वारा खींचकर मुंबई ले जाया गया।
Best wishes on Navy Day to all navy personnel and their families. We in India are proud of our rich maritime history. The Indian Navy has steadfastly protected our nation and has distinguished itself with its humanitarian spirit during challenging times. pic.twitter.com/nGxoWxVLaz
— Narendra Modi (@narendramodi) December 4, 2022
3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी एयरफोर्स ने किया था हमला
Indian Navy Day 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई होने वाली थी तो भारतीय नौसेना के कमान ने विचार किया कि जब मिसाइल बोट को दूसरे जहाज से खींचकर कोलकाता से मुंबई लाया जा सकता है तो इसे मुंबई से कराची क्यों नहीं ले जा सकते। 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की वायु सेना ने छह भारतीय हवाई क्षेत्रों पर हमला किया था।
जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्रों पर हमला किया। इसके तुरंत बाद भारतीय सेना और पाकिस्तानी सेना ने लगभग हर क्षेत्र में जमीनी लड़ाई शुरू कर दी। 1971 का भारत-पाक युद्ध आधिकारिक तौर पर शुरू हो गया था। भारतीय नौसेना के ‘किलर स्क्वाड्रन’ के युद्ध में शामिल होने का समय आ गया था।
Indian Navy Day ने इस तरह ऑपरेशन ट्राइडेंट को दिया गया अंजाम
आईएनएस निपत, आईएनएस निर्घाट और आईएनएस वीर नाम के तीन मिसाइल बोट को 4 दिसंबर को दो पेट्या श्रेणी के फ्रिगेट आईएनएस कच्छल और आईएनएस किल्टन के साथ पाकिस्तानी नौसेना के मुख्यालय कराची पर हमला करने के लिए भेजा गया। इस ऑपरेशन को ट्राइडेंट नाम दिया गया। फ्रिगेट की मदद से तीनों मिसाइल बोटों को खींचकर कराची बंदरगाह के करीब पहुंचाया गया। फ्रिगेट पाकिस्तानी रडार की रेंज से बाहर रहे और मिसाइल बोटों को आगे बढ़कर हमला करने का आदेश दिया गया।
आईएनएस निर्घाट ने अपने रडार पर पहले पाकिस्तानी नौसेना के एक डिस्ट्रॉयर पीएनएस खैबर का पता लगाया। इसके बाद पीएनएस शाहजहां और मर्चेंट शिप वीनस चैलेंजर (पाकिस्तानी सेना के लिए गोला-बारूद ले जा रहा था) का भी पता लगाया गया। मिसाइल बोटों ने मिसाइल दागकर तीनों जहाज को नष्ट कर दिया। इस हमले से पाकिस्तानी नौसेना सदमे में आ गई। पाकिस्तान को लगा कि इंडियन एयरफोर्स द्वारा हवाई हमला किया गया है।
Jai Hind 🇮🇳💪 pic.twitter.com/MWMdipcTpX
— Koustuv 🇮🇳 🧭 (@srdmk01) December 4, 2022
डूबने से पहले पीएनएस खैबर ने एक मेडे सिग्नल भेजा था, जिसमें कहा गया था कि उसपर भारतीय वायु सेना के एक विमान ने हमला किया है। भारतीय मिसाइल बोट ने समुद्र तट पर बनाए गए इंधन के भंडार पर हमला किया। इससे इतनी भयानक आग लगी मानों पूरा कराची जल रहा हो।
हमले को अंजाम देकर तीनों मिसाइल बोट और दो फ्रिगेट भारत की ओर लौटने लगे। इस दौरान उनपर पाकिस्तान द्वारा हवाई हमला किए जाने का खतरा था। पाकिस्तान की वायुसेना ने भारतीय नौसेना का युद्धपोत होने के भ्रम में पाकिस्तानी नौसेना के एक पोत पीएनएस जुल्फिकार को नष्ट कर दिया था। ऑपरेशन ट्राइडेंट से इतना अधिक नुकसान हुआ कि पाकिस्तान की नौसेना पंगु हो गई।
The Review
Indian Navy Day
1971 की भारत-पाकिस्तान जंग के दौरान 4 दिसंबर नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट शुरू किया था। इसे भारतीय नौसेना के इतिहास में सबसे बड़ा सफल हमला माना जाता है। ऑपरेशन ट्राइडेंट ने पाकिस्तानी नौसेना को तबाह कर दिया था।
Discussion about this post