BNP News Desk। Varanasi Gyanvapi Case वाराणसी ज्ञानवापी -श्रृंगार गौरी प्रकरण में जिला जज की अदालत ने मस्जिद पक्ष को आठ सप्ताह का समय नहीं दिया है। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए दाखिल प्रार्थना पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए उसे खारिज कर दिया है। वहीं ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने के लिए मंदिर पक्ष की ओर से प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। अदालत ने मुकदमे में पक्षकार बनने के लिए दिए गए 16 प्रार्थना पत्रों में से सात को खारिज कर दिया। मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी।
12 सितंबर को मुकदमे मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं तय होने के बाद जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मूल वाद पर सुनवाई गुरुवार को हुई। दोपहर दो बजे के बाद शुरू हुई सुनवाई के दौरान जिला जज ने सबसे पहले मस्जिद पक्ष के आठ सप्ताह का वक्त मांगने वाले प्रार्थना पत्र पर चर्चा किया। स्पष्ट किया कि 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया था उसमें कहा था कि मुकदमे की पोषणीयता तय होने के बाद आठ सप्ताह तक ज्ञानवापी परिसर में मिल शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश लागू रहेगा। किसी पक्ष को आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय जाने के लिए वक्त देने का आदेश नहीं है। इसके साथ ही मस्जिद पक्ष के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
वहीं वादी संख्या दो से पांच मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी, रेखा पाठक और सीता साहू की ओर से प्रार्थना पत्र अदालत में दाखिल किया गया। अपने वकील विष्णु शंकर जैन व सुधीर त्रिपाठी के माध्यम से दाखिल प्रार्थना पत्र में उन्होंने ज्ञानवापी परिसर में एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई के दौरान 16 मई को मिले शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग की है।
अपने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण की विशेषज्ञों के जरिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार और अन्य माध्यमों से शिवलिंग की जांच की जाए। ताकि उसकी आयु, धातू व विशेषता आदि का पता लगाया जा सके। इसकी रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करने के लिए समय सीमा तय की जाए।
मस्जिद पक्ष ने इस पर जवाब के लिए वक्त मांगा है। इसके साथ ही मस्जिद पक्ष ने वादी महिलाओं के मूल दावे का जवाब दाखिला किया। 25 पन्ने के जवाब में उसने हर बिंदू पर अपनी बात कही। जवाब को लेकर मंदिर पक्ष ने विरोध जताया।
वादी संख्या एक राखी सिंह के वकील मान बहादुर ने कहा कि मुकदमा दाखिल किए जाने के 90 दिन के भीतर जवाब दाखिल नहीं किया गया। इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए। इस पर अदालत ने देरी की वजह बताते हुए शपथ पत्र दाखिल करने के लिए मस्जिद पक्ष से कहा। अदालत ने मुकदमे में पक्षकार बनने के लिए दिए गए 16 प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई की। इस दौरान प्रार्थना पत्र दाखिल करने वाले नौ लोग मौजूद रहे।
अदालत ने कहा कि जो मौजूद हैं उसके प्रार्थना पत्र पर ही सुनवाई होगी। अन्य अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत नहीं करना चाहते हैं यह समझते हुए उनके प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाता है। एक ने अपना प्रार्थना पत्र वापस ले लिया अन्य आठ प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई अगली तिथि को होगी। वहीं इस मामले में प्रतिवादी उत्तर प्रदेश शासन, जिलाधिकारी वाराणसी, पुलिस कमिश्नर वाराणसी की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए वक्त मांगा गया है।
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Varanasi Gyanvapi Case
वाराणसी ज्ञानवापी -श्रृंगार गौरी प्रकरण में जिला जज की अदालत ने मस्जिद पक्ष को आठ सप्ताह का समय नहीं दिया है।
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