BNP NEWS DESK। Thumri Festival 2023 वाराणसी में सांस्कृतिक की दृष्टि से अप्रैल खास होने वाला है। पहले पखवारे में संकट मोचन संगीत समारोह का अन्तरराष्ट्रीय मंच सात दिनों तक शास्त्रीय, सुगम गायन और नाटक से सजेगा। दूसरे में पांच दिनों का दूसरा बागेश्वरी देवी महोत्सव काशी में ठुमरी की ठसक बिखेरेगा।
Thumri Festival 2023 सांगीतिक विरासत की ध्वजवाहिका पद्मश्री सोमा घोष की ओर से हो रहे इस आयोजन में देश-विदेश के कलाकार गायन, वादन और नृत्य में ठुमरी को मुखर करेंगे। सोमा घोष ने ही बागेश्वरी देवी की याद में पहला ठुमरी महोत्सव उनके निधन के एक वर्ष बाद 2001 में मुंबई में कराया था। 22 साल बाद नई शान-ओ-शौकत के साथ यह आयोजन 21 से 25 अप्रैल तक काशी में तीन स्थानों पर होगा। पहले दो दिन का आयोजन महमूरगंज स्थित ‘रमन निवास’ में होगा।
पुरानी पीढ़ी के लोगों के बीच रमन निवास की ख्याति ठुमरी तीर्थ के रूप में है। इस परिवार के पुरखे शेर शाह सूरी के वित्त मंत्री थे। इसी वंश के राजा कामेश्वर प्रसाद नारायण सिंह की माता काशीवास करती थीं। उनकी अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए राजा ने परिवार समेत गया से 1855 में काशी को निवास बनाया। यहां उन्होंने बैंकिंग आरंभ की। वर्तमान रमन निवास ने 1932 में आकार लिया।
ठुमरी के दिग्गजों का सबसे बड़ा आश्रयस्थल रहा है
दिग्गज ठुमरी गायिकाओं-बड़ी मोती बाई, छोटी मोती बाई, रसूलन बाई, सिद्धेश्वरी देवी, बेगम अख्तर, बागेश्वरी देवी और गिरिजा देवी के अलावा भारतरत्न पं. रविशंकर और उस्ताद बिस्मिल्लाह खान ने भी रमन निवास की शान में इजाफा किया है।
कई घरानों के साधक अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे
संस्कृति मंत्रालय की मदद से हो रहे पांच दिवसीय ठुमरी महोत्सव में इस गायन शैली के प्रधान-पटियाला, बनारस, लखनऊ के अलावा आगरा और किराना घराना के साधक प्रस्तुतियां देंगे। 23 अप्रैल की प्रस्तुतियां बनारस क्लब में होंगी। 24 एवं 25 अप्रैल को सनबीम में ठुमरी पर कार्यशाला होगी।
The Review
Thumri Festival 2023
वाराणसी में सांस्कृतिक की दृष्टि से अप्रैल खास होने वाला है। पहले पखवारे में संकट मोचन संगीत समारोह का अन्तरराष्ट्रीय मंच सात दिनों तक शास्त्रीय, सुगम गायन और नाटक से सजेगा। दूसरे में पांच दिनों का दूसरा बागेश्वरी देवी महोत्सव काशी में ठुमरी की ठसक बिखेरेगा।
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