BNP NEWS DESK। Sampurnanand Sanskrit University संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को विदेश में भी संबद्धता प्रदान करने का अधिकार है। इसे देखते विश्वविद्यालय विदेशों में भी शाखा खोलने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए मारिशस, इटली व नेपाल से अनौपचारिक बातचीत भी चल रही है। आने वाले समय में इसे वैधानिक रूप देने का निर्णय लिया है।
Sampurnanand Sanskrit University मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने प्राच्य विद्या को बढ़ावा देने के लिए विदेश में भी शाखाएं खोलने का सुझाव दिया। वहीं कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय इसके लिए पहल शुरू कर दी है। इस क्रम में जल्द ही एक कमेटी भी गठित करने का निर्णय लिया गया है ताकि विदेश से पत्राचार व व्यक्तिगत संपर्क कर इसे मूर्त रूप दिया जा सके।
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय दुनिया का सबसे प्राचीन प्राच्य विद्या का केंद्र हैं। इसकी स्थापना 1791 में राजकीय संस्कृत कालेज के रूप से हुई है। वर्तमान में पूरे देश में करीब 570 कालेज विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, सिक्किम, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों में विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेज संचालित हो रहे हैं।
विश्वविद्यालय को देश में ही नहीं विदेशों में संबद्धता देने का अधिकार प्राप्त है
किसी समय विश्वविद्यालय संबद्ध नेपाल में भी विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेज थे। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय को देश में ही नहीं विदेशों में संबद्धता देने का अधिकार प्राप्त है। वर्ष 2000 में संस्कृत बोर्ड का गठन होने के बाद सूबे के बाहर अब मध्यमा स्तर की मान्यता व संबद्धता देता है।
उन्होंने बताया कि विदेशों में विश्वविद्यालय की शाखाएं खोलने के लिए अप्रवासी भारतीय संपर्क किया जा रहा है। मुख्य सचिव ने परिसर की साफ-सफाई के अलावा शताब्दी भवन के जीर्णोद्धार कार्य, गेस्ट हाउस का निर्माण, दलाईलामा कक्ष, पांडुलिपियों के संरक्षण के कार्यों का जायजा लिया। इस बार परिसर की साफ-सफाई पर संतोष जताते हुए उन्होंने परिसर को और हरा-भरा करने का निर्देश दिया। इस क्रम में परिसर में फलदार पौधों के अलावा विभिन्न प्रकार के फूलों का भी पौधा लगाने का निर्देश दिया।
वहीं कमिश्नर कौशलराज शर्मा से मुख्य भवन से उद्यान विभाग मार्ग पर लटकते तारों को हटवाने के लिए बिजली विभाग से बात करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त के अलावा जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, कुलसचिव राकेश कुमार, निदेशक प्रकाशन डा. पद्माकर मिश्र, डा. विमल कुमार त्रिपाठी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को विदेश में भी संबद्धता प्रदान करने का अधिकार है।
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