BNP NEWS DESK। Police Encounter सोमवार सुबह मुठभेड़ में ढेर शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान ज़्यादातर चोरी की घटनाओं में शामिल रहा। प्रयागराज के कौंधियारा स्थित अमोखर का रहने वाला यह शूटर खासतौर पर मध्य प्रदेश में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था। शूटआउट में इस्तेमाल बाइक के बारे में कहा जा रहा है कि यही लाया था।
Police Encounter बताया जा रहा है कि इसका संपर्क सिविल लाइंस में बिहार के अरमान से हुआ, जिसने इसे असद से मिलाया और फिर उमेश पाल हत्याकांड की साजिश में शामिल हुआ । इसका नाम क्राइम ब्रांच और एसटीएफ के लिए भी अंजान सा था। क्राइम ब्रांच ने वीडियो फुटेज के आधार पर पता लगाना शुरू किया तो इसके बारे में कई जानकारी मिलती चली गई।
पुलिस एनकाउंटर में मारा गया शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान पिछले दो साल से अतीक गैंग के लिए काम कर रहा था। पुलिस ने जब उसके मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) को खंगाला तो पता चला कि लंबे समय से अतीक गैंग के सदस्यों से उसकी बातचीत हो रही थी। हत्याकांड से पहले उसकी शूटर गुलाम से बात हुई थी। उसने अपने मोबाइल में दो सिम लगा रखा था, जिनकी सीडीआर से कई और संदिग्ध नंबर मिले हैं। अब उन नंबरों के आधार पर घटना में शामिल अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
करीबियों को उठाकर पूछताछ की गई
पुलिस का कहना है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद संदिग्ध नंबरों की एक साल की सीडीआर निकलवाकर अध्ययन किया गया था। उससे पता चला था कि अतीक गैंग के कई सदस्यों से विजय चौधरी उर्फ उस्मान की बातचीत हो रही थी।
करीबियों को उठाकर पूछताछ की गई तो यह तथ्य प्रकाश में आया कि गुलाम और अरमान ने ही उस्मान से संपर्क साधा था। इसके बाद वह गैंग में शामिल होकर उनके लिए काम करने लगा था।
हालांकि अभी पूरी तरह से यह साफ नहीं हो सका है कि उस्मान अतीक के बेटे असद से कब और कहां पर मिला था। उससे कब-कब और क्या काम लिया गया था। सदाकत ने पूछताछ में कुछ कहानी बताई थी, जिसके आधार पर छानबीन की गई थी। इसके बाद ही उस्मान की तलाश में तेजी लाई गई थी।
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Police Encounter सोमवार सुबह मुठभेड़ में ढेर शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान ज़्यादातर चोरी की घटनाओं में शामिल रहा
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