बीएनपी न्यूज डेस्क। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने रूस-यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण वहां से मेडिकल की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर वापस लौटे विद्यार्थियों के लिए राज्य के मेडिकल कालेजों में पढ़ाई की व्यवस्था करने के लिए पहल करने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रभावित विद्यार्थियों को फीस में भी राहत दी जाएगी। राज्य सरकार इन विद्यार्थियों की ट्यूशन फीस को छात्रवृत्ति के रूप में वहन करेगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर युद्ध प्रभावित यूक्रेन से राज्य में लौटे विद्यार्थियों से बातचीत की। कोलकाता के खुदीराम अनुशीलन केंद्र में आयोजित इस वार्तालाप कार्यक्रम में उन्होंने विद्यार्थियों से उनकी समस्याएं व आपबीती सुनी। इसके बाद ममता ने उनकी पढ़ाई की व्यवस्था करने के लिए पहल करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन को भी इस बाबत पत्र लिखा जाएगा ताकि इनके पढऩे की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही मेडिकल सीटों की संख्या बढ़ाने की भी वह केंद्र सरकार से अपील करेंगी। इस बाबत नेशनल मेडिकल कमीशन के अधिकारियों से बंगाल के अधिकारी मुलाकात करेंगे। मेडिकल के अंतिम वर्ष में पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए सरकारी मेडिकल कालेजों में दाखिले, इंटर्नशिप की अनुमति और काउंसिलिंग के लिए भी नेशनल मेडिकल कमीशन को पत्र लिखेंगी। ममता ने कहा कि यह युद्धकालीन व्यवस्था है। यह वर्तमान व्यवस्था को प्रभावित नहीं करेगी।
ममता ने यह भी कहा कि यदि केंद्र की ओर से विद्यार्थियों के हित में अनुमति नहीं दी जाती है तो वह उनको लेकर दिल्ली भी जाएंगी और केंद्र सरकार से आग्रह करेंगी। यदि जरूरत पड़ी तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखेंगी। ममता ने आगे कहा कि मानवीयता के आधार पर उन्होंने यह फैसला किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार मानवीयता के आधार पर इन विद्यार्थियों के लिए फिर से पढ़ाई शुरू करने की व्यवस्था करने में राज्य सरकार की मदद करेगी।
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