बीएनपी न्यूज डेस्क। देश के पश्चिमोत्तर हिस्सों में जम कर हो रही बर्फबारी के असर से पूर्वी उत्तर प्रदेश अछूता नहीं है। सोमवार को उसी दिशा से आ रही बर्फीली हवाओं ने ऐसा कहर ढाया कि ऊनी कपड़ों की तह के भीतर भी हड्डियां गलती सी महसूस होती रहीं। हवा की रफ्तार भले ही 15 किलोमीटर प्रति घंटा रही लेकिन उसमें घुली बर्फ का प्रभाव रहा कि धूप भी कांप उठी। सुबह से ही पूरे दिन खिली धूप का कोई असर वातावरण पर नहीं रहा, इस हाड़कंपाऊ ठंड से मनुष्य ही नहीं, पशु-पक्षी भी प्रभावित दिखे।
शनिवार की रात से ही शुरू हुआ कोहरा शहरी क्षेत्रों में तो रविवार की भोर में ही सिमट गया और सुबह सूर्य की लालिमा के साथ धूप निखर आई। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में देर तक धुंध बनी रही और वहां दृश्यता 600 मीटर तक रही। दिन अभी कुछ चढ़ा ही था कि लगभग 10 बजे से तेज पछुआ हवाएं चलने लगीं, इसके चलते वातावरण में गलन बढ़ गई। इन बर्फीली हवाओं के चलते बुजुर्ग और बच्चे घरों में दुबकने को विवश हो गए। वातावरण में व्याप्त 95 फीसद आर्द्रता के साथ हवाओं ने मिलकर ऐसा कहर ढाया कि पूरे दिन धूप के बाद भी अधिकतम तापमान 5 डिग्री पर आ गया। इसके चलते ठंड काफी बढ़ गई। 48 घंटे में पहुंच सकता है पश्चिमी विक्षोभ वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय बताते हैं इस तरह धूप, कोहरा और गलनयुक्त मौसम अभी दो दिनों तक बना रहेगा। 16 जनवरी को जम्मू-कश्मीर पहुंचने वाले पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव यहां 18 जनवरी तक इस क्षेत्र में पहुंच सकता है तो फिर बदली होने के साथ ठंड में थोड़ी कमी और उसके गुजरने के बाद और तेज ठंड पड़ेगी।
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