कोलकाता निकाय चुनाव में भाजपा बढ़ने की बजाय और सिमट गई है। 5 साल पहले उसने यहां 5 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार दो और गंवा दीं। इस बीच वॉर्ड नंबर 135 से जीत हासिल करने वालीं रूबीना नाज ने भी टीएमसी से जुड़ने का फैसला लिया है। उनके पति भी तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं। इसके अलावा दो अन्य निर्दलीय विजेता पुरबासा नास्कर और आएशा कनीज ने भी तृणमूल के साथ जाने का फैसला लिया है। तृणमूल के नेता रहे इरफान अली ताज की पत्नी कनीज ने कहा, ‘यदि हम सत्ताधारी दल के साथ रहेंगे तो फिर अपने इलाके के लोगों के लिए और ज्यादा काम कर सकेंगे।’
इस बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि परिवहन मंत्री और कोलकाता के पूर्व मेयर फिरहाद हाकिम एक बार फिर से शहर का नेतृत्व कर सकते हैं। हालांकि ममता बनर्जी की ओर से उन्हें मेयर बनाए जाने को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। वॉर्ड नंबर 82 से लगातार चौथी बार फिरहाद हाकिम ने जीत हासिल की है। कोलकाता निकाय चुनाव के नतीजों के तुरंत बाद ममता बनर्जी त्रिपुरा रवाना हो गईं। इससे पहले उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की 23 दिसंबर को दोपहर 2 बजे कोलकाता में मीटिंग होगी। इसमें हम शहर के नए मेयर का फैसला लेंगे।
गोवा और यूपी के विधानसभा चुनावों में भी एंट्री की तैयारियों में जुटीं ममता बनर्जी ने इन नतीजों को विपक्ष के लिए सबक बताया है। ममता बनर्जी ने कहा, ‘कोलकाता के लोगों ने भाजपा और लेफ्ट को धोकर रख दिया है। इन दो लूजर्स के बीच कांग्रेस भी दबकर रह गई है। यह राष्ट्रीय राजनीति में भी दिख रहा है। मेरा पूरा विश्वास है कि बंगाल और कोलकाता के लोग पूरे देश को रास्ता दिखाएंगे।’
वोट शेयर पर नजर डालें तो टीएमसी की जोरदार सफलता का पता चलता है। निकाय चुनाव में टीएमसी को अकेले 92.36% वोट मिले हैं। वहीं भाजपा को 2 फीसदी और कांग्रेस एवं लेफ्ट को 1.39 फीसदी वोटों से ही संतोष करना पड़ा है। भाजपा को वॉर्ड नंबर 22, 23 और 50 में ही जीत मिली है। इसके अलावा कांग्रेस को वॉर्ड 45 और 137 में विजय हासिल हुई है। लेफ्ट पार्टियों को 92 और 103 नंबर वॉर्ड में विजय प्राप्त हुई है।
चुनाव में हिंसा
छिटपुट हिंसा के बीच रविवार को कोलकाता नगर निगम का चुनाव संपन्न हुआ था। बमबारी में एक व्यक्ति के घायल होने समेत हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच शाम पांच बजे तक करीब 63.37 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। मतदान के दौरान कुल 453 शिकायतें मिली थी, जबकि कुल गिरफ्तारी 195 लोगों को गिरफ्तार किया गया गया था। हिंसा में तीन लोग घायल हुए थे। कोलकाता नगर निकाय चुनाव के रुझानों पर बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि यह जोर जबरदस्ती और बंदूक के दम पर चुनाव लड़ा गया था और लोकतंत्र की हत्या करके वोट डलवाए गए थे।
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